समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म को लेकर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि असल में हिंदू धर्म जैसा कुछ है ही नहीं. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि महाभारत, रामचारितमानस, केदारनाथ और बदरीनाथ के अलावा अलावा संस्कृत भाषा को लेकर भी कई तर्क दिए. इस दौरान उन्होंने अपनी बेटी बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या को लेकर कहा कि बीजेपी के लोग मुझे समझ गए लेकिन वो (संघमित्रा मौर्या) मुझे अभी तक पहचान नहीं पाई.
दरअसल बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या ने बयान दिया था कि पार्टी जब कहेगी तो पिताजी को वापस बीजेपी में ले आएंगे. संघमित्रा के इसी बयान को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि अभी उनकी बेटी में बचपना है. इसलिए वो उन्हें समझ नहीं पाई. बीजेपी के लोग उन्हें समझ चुके हैं.
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्या ने महाभारत को लेकर कहा कि ” महाभारत छठवीं शताब्दी के बाद लिखा गया है. रामचरितमानस भी इसी के आसपास लिखे गए. देवनागरी लिपि सातवीं-आठवीं शताब्दी में आई. जबकि संस्कृत भाषा पहले थी ही नहीं तो फिर ये सब कैसे लिखा गया. संस्कृत और हिंदी भाषा का जन्म ही जब छठवीं शताब्दी के आखिर में हुआ तो महाभारत उस भाषा में कैसे लिखी गई ? इसलिए ये जितनी भी पुस्तकें और धार्मक ग्रंथ हैं वो इन शताब्दी के बाद लिखे गए.
वहीं केदारनाथ और बदरीनाथ को लेकर कहा कि इन मंदिरों का निर्माण बौद्ध मठों को तोड़कर कराया गया है. बुद्ध की मूर्ति को शिवलिंग बताया जा रहा है. मूर्ति को शिवलिंग बताने वाले भी एएसआई के लोग हैं. स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि जब बुद्ध का जन्म हुआ तब हिंदू धर्म था ही नहीं. उस समय वैदिक धर्म था. इसके साथ ही सपा नेता ने स्वामी रामभद्राचार्य को संत मानने से भी इनकार कर दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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