जम्मू-कश्मीर: सांबा ‘कैलिको प्रिंटिंग’ के लिए मशहूर है. सांबा को ‘शीट्स का शहर’ भी कहा जाता है. कपड़ा उद्योग के लिए जाने जाने वाले सांबा में अब कैलिको प्रिंटिंग की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित किया जा रहा है. रंगों की सजावटी और कलात्मक शैली के कारण ‘कैलिको प्रिंटिंग’ दुनियाभर में लोकप्रिय है. प्रिंटिंग की चमक दूर से ही लोगों को आकर्षित करती हैं.
बता दें कि अब इस कला को पुनर्जीवित करने के लिए सांबा में 5 एसएचजी काम कर रहे हैं. 50 लोगों की टीम इस कला के पारंपरिक विरासत को संरक्षित करने की की कोशिश में लगी है. कला को पुनर्जीवित करने के लिए, स्वयं सहायता समूह की लड़कियां विभिन्न डिजाइनों के साथ जूट बैग पर कैलिको प्रिंटिंग करती हैं. इसके कारण जूट के थैले आकर्षक बन गए हैं.
जे-के आरएलएम का उद्देश्य वंचित महिलाओं के बीच गरीबी को कम करना है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके, जिसके परिणामस्वरूप कार्यात्मक स्वयं सहायता समूहों (SHG) की संख्या बढ़कर 70,594 हो गई हैं.
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हाल ही में जिला विकास आयुक्त सांबा अभिषेक शर्मा ने केलिको प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले डिजाइनों को पुनर्जीवित करने के लिए ‘क्रिएट ब्लॉक प्रिंट पैटर्न’ नाम से एक प्रतियोगिता शुरू की है. यह प्रतियोगिता वेब पोर्टल jk.mygov.in पर उपलब्ध है, जहां दिए गए लिंक पर क्लिक कर प्रतियोगिता में भाग लिया जा सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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