Case of deployment of forest officers in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में वनों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त अधिकारियों की तैनाती की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट 20 मार्च को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट के बार-बार निर्देश देने के बावजूद अपना जवाब दाखिल नहीं करने पर दिल्ली सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने कहा था कि मामले में जवाब दाखिल नहीं करने के लिए अधिकारियों द्वारा कोई वैध कारण नहीं दिया गया है और अदालत के निर्देशों का पालन नहीं करना अदालत की गरिमा के खिलाफ है.
इससे पहले कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था. मामले की सुनवाई करते हुए सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि मामले में जवाब दाखिल नहीं करने को लेकर अधिकारियों ने कोई कारण नहीं बताया. पीठ ने कहा कि 2 अगस्त 2023 और 21 सितंबर 2023 के आदेशों के बावजूद सरकार ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया है.
हालांकि सरकार ने जवाब नहीं दाखिल करने के पीछे की वजह दूसरे राज्यों से मंगाई जा रही जानकारी को बताया. इस पर अलदात ने कहा कि यह कोई वैध कारण नहीं है.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में बेहतर सुरक्षात्मक उपकरण, हथियार और वन रेंजर और वनरक्षकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.
ये भी पढ़ेंः अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 20 मार्च को सुनवाई, डेढ़ साल से जेल में हैं TMC नेता
RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…
गुयाना से भारत लौटने के बाद पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट…
महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…
पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…
देश के विभिन्न राज्यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…
एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…