कोलकाता आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, राज्य सरकार और टास्क फोर्स से तीन सप्ताह में फ्रेश स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट दीवाली के बाद इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि मामले में निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है, और वित्तीय अनियमितता से संबंधित मामले में जांच अभी जारी है. निचली अदालत चार्जशीट पर संज्ञान ले चुका है और आरोप तय करने को लेकर 4 नवंबर की तारीख तय की गई है.
सीजेआई ने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सह आरोपियों की भूमिका की जांच चल रही है. सीबीआई को कुछ पक्षों से संबंधित जानकारी भी प्राप्त है. उनपर भी सीबीआई द्वारा विचार किया जा रहा है. सीजेआई ने कहा कि हम यह भी देखना चाहेंगे कि टास्क फोर्स ने क्या प्रगति की है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मृतक के माता-पिता से सीधे संपर्क में है. सीजेआई ने एसजी से पूछा कि टास्क फोर्स की स्थिति क्या है. सीजेआई ने एसजी से पूछा कि 5 सितंबर से अब तक क्या हुआ? एसजी ने कहा कि आखिरी मीटिंग 9 सितंबर को थी.
सीजेआई ने पूछा उसके बाद बैठक क्यों नही हुई? एसजी ने कहा कि टास्क फोर्स के गठन के लिए मैं सचिव से अनुरोध कर सकता हूं. मुझे लगता है कि टास्क फोर्स जो भी करेगी, वह लंबे समय तक चलने वाला होगा, इसलिए वो समय ले रहे है. सीजेआई ने एसजी से कहा कि एक महीने से अधिक समय से कोई बैठक क्यों नही हुई. टास्क फोर्स को अपने काम में तेजी लानी चाहिए. एसजी के मुताबिक टास्क फोर्स की आखिरी बैठक 9 सितंबर को हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करें कि नेशनल टास्क फोर्स का काम एक तय समय सीमा में पूरा हो सके. टास्क फोर्स की मीटिंग नियमित अंतराल पर होती रहनी चाहिए. सभी सब ग्रुप की भी नियमित मीटिंग करनी चाहिए. ये पूरी कवायद तीन सप्ताह में पूरी हो जानी चाहिए. सीबीआई ने अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की है. कलकत्ता के सियालदह कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में संजय रॉय को आरोपी बनाया है.
सीबीआई ने 200 पेज की यह चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें जिसमें 200 लोगों का बयान शामिल है. चार्जशीट में सिर्फ दुष्कर्म और हत्या की बात कही गई है. सीबीआई ने चार्जशीट में कहा है कि नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम करने वाले संजय रॉय ने कथित तौर पर 9 अगस्त को वारदात को उस समय अंजाम दिया जब पीड़िता छुट्टी के दौरान अस्पताल से सेमिनार रूम में सोने जा रही थी. हालांकि अभी भी इस बात की जांच चल रही है कि क्या कोई और संदिग्ध इस मामले में शामिल था.
ट्रेनी डॉक्टर 9 अगस्त को अस्पताल में मृत पाई गई थी. इसके बाद जांच में पता चला कि उसके साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गई है. इस घटना के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शनो के बीच कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौप दिया था. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुचा था. सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश एसजी ने कोर्ट को बताया था कि सीबीआई को ताला पुलिस स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक रिपोर्ट मिली है.
इस रिपोर्ट में सीबीआई को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है. इन्ही जानकारियों के आधार पर संदीप घोष और अभिजीत मंडल से पूछताछ की गई है. दरअसल पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई से जानना चाहा था कि आरजी कर अस्पताल कांड की जांच प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ी है. साथ ही कोर्ट ने सीबीआई जांच के दायरे में आये लोगों के नामों की सूची अदालत को सौपने का भी निर्देश दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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