देश

CBI ने प्रणय और राधिका रॉय से जुड़े धोखाधड़ी मामले में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट, पढ़ें क्या है पूरा मामला

समाचार चैनल NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ जांच शुरू करने के 7 साल बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार (1 अक्टूबर) को मामला बंद कर दिया. एजेंसी ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूतों की कमी का हवाला दिया.

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को कानूनी रूप से कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला, जो यह बताता हो कि NDTV के तत्कालीन निदेशकों प्रणय और राधिका रॉय और उसके तत्कालीन प्रमोटरों ने 2009 में लिए गए ऋण के निपटान में ICICI बैंक को 48 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था.

2017  में सीबीआई ने दर्ज की थी FIR

यह मामला 2017 में शुरू हुआ था, जब CBI ने Quantum Securities Ltd के संजय दत्त नामक एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि रॉय से जुड़े RRPR Holdings Pvt Ltd ने सार्वजनिक खुली पेशकश (Public Open Offer) के माध्यम से NDTV में 20% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए India Bulls Pvt Ltd से 500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था.

क्या है पूरा मामला

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि रॉय दंपति से जुड़े आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने सार्वजनिक खुली पेशकश के जरिए एनडीटीवी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए इंडिया बुल्स प्राइवेट लिमिटेड से 500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था.

एफआईआर के अनुसार, आरआरपीआर होल्डिंग्स ने इंडिया बुल्स से लिए गए ऋण को चुकाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक से 19% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 375 करोड़ रुपये का ऋण (जिसमें से 350 करोड़ रुपये वितरित किए गए) भी लिया.


यह भी पढ़ें: Gujarat: होटल में सेक्स के बाद ज्यादा खून बहने से युवती की मौत, अस्पताल ले जाने के बजाय आरोपी इंटरनेट पर खोजता रहा इलाज


ये आरोप लगा था

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रॉय दंपत्ति ने इस ऋण के लिए अपनी पूरी शेयरधारिता को गिरवी रख दिया, लेकिन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), स्टॉक एक्सचेंजों या सूचना और प्रसारण मंत्रालय को गिरवी रखने की सूचना नहीं दी. 2022 में अडानी समूह (Adani Group) ने NDTV में एक नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल कर ली और रॉय दंपत्ति से अल्पसंख्यक शेयरधारकों को दिए गए मूल्य से लगभग 17% अधिक प्रीमियम पर शेयर खरीदे.

7 साल से ज्यादा की जांच के बाद सीबीआई ने अब एक विशेष अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है, जो यह तय करेगी कि रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या एजेंसी को अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया जाए.

कंपनी ने आरोपों को गलत बताया था

5 जून 2017 को की गई तलाशी के बाद NDTV ने कहा था कि ICICI बैंक से लिया गया 375 करोड़ रुपये का लोन, जिसे चुकाने में चूक करने का आरोप उस पर लगाया गया था, सात साल पहले चुका दिया गया था. कंपनी ने यह भी दावा किया कि SEBI को गिरवी रखे गए शेयरों का खुलासा न करने का आरोप ‘गलत और झूठा’ था.

कंपनी ने जोर देकर कहा था, ‘NDTV और उसके प्रमोटरों ने कभी भी ICICI या किसी अन्य बैंक को दिए गए किसी भी लोन का भुगतान नहीं किया है. हम ईमानदारी और स्वतंत्रता के उच्चतम स्तरों का पालन करते हैं.’

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

Recent Posts

खाड़ी के कई देश पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने से क्यों कर रहे इनकार?

पिछले कुछ वर्षों में, पाकिस्तान से बड़ी संख्या में संदिग्ध यात्री विदेश गए हैं जो…

13 mins ago

बड़ी खबर! खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकियों को यूपी और पंजाब पुलिस ने किया ढेर, दो AK-47 बरामद

उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस ने पीलीभीत में संयुक्त कार्रवाई में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के…

31 mins ago

Delhi Air Pollution: शीतलहर के बीच दिल्ली में फिर से होने लगी घुटन, AQI ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचा

प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने के बाद 16 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड…

1 hour ago

Maharashtra: पुणे में डंपर ने फुटपाथ पर सो रहे 9 लोगों को कुचला, 3 की मौके पर मौत

महाराष्ट्र के पुणे से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है. पुणे में एक…

2 hours ago