ISRO Moon Mission: चंद्रयान-3 चांद की कक्षा में लगातार चक्कर लगा रहा है और सफलतापूर्वक इस उपग्रह के करीब पहुंच रहा है. पिछली बार की गलतियों से इसरो (ISRO) ने कई सारी सीख ली है, जिसकी बदौलत चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को अजेय बताया जा रहा है. इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि यान का इंजन खराब होने पर भी यह चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ ( ISRO Chief S. Somnath) ने बताया कि अगर चंद्रयान-3 के सेंसर और इंजन दोनों काम करना बंद कर देते हैं, तो भी विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग (Soft Landing) करेगा. हालांकि, इसके लिए एक शर्त जरूर है और वो ये कि प्रोपल्शन सिस्टम सही ढंग से काम करता रहे. सोमनाथ ने बताया कि विक्रम लैंडर को इस तरह तैयार किया गया है, ताकि वह तमाम विषम परिस्थितियों को हैंडल कर सके और मिशन को सफल बना सके.
चंद्रयान-3 के लिए 17 अगस्त का दिन बेहद ही खास रहने वाला है. इस तारीख को चंद्रयान-3 चांद के 100 किलोमीटर के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा. इसी दिन प्रोपल्शन और लैंडर एक दूसरे से अलग जाएंगे. 18 से लेकर 20 अगस्त के बीच लैंडर अपनी स्पीड को कम करेगा और डी-ऑर्बिटिंग करने की कोशिश करेगा. चंद्रयान तमाम पड़ावों को अगर सफलतापूर्वक पार करता है, तो 23 अगस्त की शाम 5.45 बजे चांद के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.
इस मिशन में चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर के साथ प्रज्ञान रोवर को भी साथ ले गया है. विक्रम लैंडर प्रज्ञान रोवर को लेकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. लैंडिंग के बाद रोवर अपना काम शुरू कर देगा और इसकी सतह पर पानी तथा विभिन्न रसायनों की खोज करेगा.
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