UP News: शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई जिले के जिलाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है. उन्होंने लखनऊ में बैठकर 75 जिलों के मंडलायुक्त के साथ जिलाधिकारियों (DM) और SP और SDM के साथ 2 घंटे की वर्चुअल मीटिंग की और इस दौरान एक-एक की कार्यशैली को लेकर मिले फीडबैक पर जमकर बरसे. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 53 योजनाओं में डैशबोर्ड के रिकॉर्ड में रैंकिंग और ग्रेडिंग के आधार पर DM-SP को फटकार लगाने के साथ ही लखनऊ, बलिया, औरैया, सहारनपुर, गोंडा और बागपत के जिलाधिकारियों को लास्ट वॉर्निंग दी.
सीएम योगी ने प्रतापगढ़ के राजस्व मामलों के पेंडिंग कार्य की फाइल देखी तो DM प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव पर जमकर बरसे और उनकी कार्यशैली पर नाराजगी जताई. इस पर अपना बचाव करते हुए जिलाधिकारी ने तर्क दिया कि हमारे यहां आंदोलन बहुत हुए, इसलिए हम इन कार्यों को समय पर नहीं कर पाए. ये सुनते ही सीएम ने जिलाधिकारी को तत्काल हटाने के निर्देश दे दिए. वहीं बैठक में पहली बार सभी तहसीलों के SDM भी शामिल हुए.
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मुख्यमंत्री ने SDM को सख्त हिदायत दी है कि तहसीलों में होने वाली लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सीएम ने कहा कि अगली बैठक में सभी SDM अपनी जवाबदेही तय करेंगे. जिले में कौन सी तहसील में सबसे ज्यादा खराब परफॉर्मेंस है उसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और लापरवाह SDM के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने डैशबोर्ड के रिकॉर्ड और कार्य को देखते हुए टॉप 10 नॉन परफॉर्मेंस जिलाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. बैठक में बलिया के जिलाधिकारी सहित लखनऊ जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार को राजस्व के तीन मामलों में जमकर फटकार लगाई गई है. लखनऊ डीएम राजस्व मामलो में सबसे अधिक खराब प्रदर्शन वाले पाए गए हैं. हालांकि लखनऊ डीएम ने जल्द काम पूरा कर लेने का वादा किया है. बैठक में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा है कि अधिकारी अपने जिले में लंबित मामलों को शून्य करें. अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हर जिले में मिले निवेश प्रस्तावों को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए और कहा कि सभी निवेशकों से संपर्क करें. उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम है. इसलिए निवेशक छोटा हो या बड़ा उसके निवेश को लेकर आ रही परेशानियों को प्राथमिकता के आधार पर खत्म करें. इसके अलावा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में बैरियर बनने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने के निर्देश भी दिए.
जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र और हैसियत प्रमाणपत्रों और ई-डिस्ट्रिक्ट पर उपलब्ध सेवाओं आदि के लंबित मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने DM को निर्देश दिया और निर्देश दिया कि DM खुद जिलों की तहसीलों की समीक्षा करें. इसी के साथ ये भी कहा कि प्रमाणपत्रों को तय समय में पूरा न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करें.
भू-माफिया और खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई धीमी न होने के निर्देश दिए. एंटी भू-माफिया सेल को पूरी तरह से एक्टिवेट रखने के लिए कहा और इसी के साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश के हर जिले के जिलाधिकारी को दीपावली से पहले सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने DM स्वामित्व योजना, बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन, चकबंदी के लंबित मामलों एवं IGRS तथा हेल्पलाइन की मासिक रैंकिंग की समीक्षा करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि जिलों में हर स्तर पर जनसुनवाई हर कार्य दिवस पर अनिवार्य रूप से की जाए. सीएम ने निर्देश दिया कि DM के साथ ही ADM, तहसीलों पर SDM, पुलिस कप्तान, CO और ACP अपने-अपने ऑफिस में हर दिन जन सुनवाई करेंगें.
-भारत एक्सप्रेस
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