सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Cold Drinks: गर्मियों में जिसे देखो वही कोल्ड ड्रिंक पीने का शौकीन दिखाई देता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कोल्ड ड्रिंक हमारी सेहत पर किस तरह से बुरा असर डाल रही है. एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में बिक रही कोल्ड ड्रिंक्स में IMCR के मापदंडों से 5 गुना अधिक चीनी यानी शक्कर का इस्तेमाल किया जा रहा है. यही नहीं इसको तैयार करने में जो सामग्री इस्तेमाल की जा रही उसमें मौजूद कैलोरी को भी छुपाया जा रहा है. इस तरह से ये कोल्ड ड्रिंक न केवल हमारी जेब पर डाका डाल रही है बल्कि हमारी सेहत को भी जमकर नुकसान पहुंचा रही है.
अमेरिका में सिंगल ड्रिंक की बोतल 330 एमएल की होती है, ताकि लोग एक दिन में 250 एमएल से ज्यादा न लें. भारत में यह बोतल 750 एमएल की है, जिसमें 80 ग्राम चीनी होती है. तो वहीं जो विदेशी कम्पनियां भारत में कोल्ड ड्रिंक बेचती हैं, लोगो वाली लेबल के पीछे बहुत छोटी सी जगह में इन सामग्री की जानकारी दी जाती हे लेकिन यही कंपनियां अपने मूल देश में जो ड्रिंक्स का सेल करती हैं उनके लोगो वाले लेबल के नीचे बड़ा सा लेबल लगाकर बड़े-बड़े अक्षरों में इंग्रेडिएंट्स और कैलोरी की जानकारी लिखी होती है.
बता दें कि आईसीएमआर (ICMR) की गाइडलाइन के मुताबिक एक स्वस्थ्य व्यक्ति को एक दिन में 25 ग्राम से ज्यादा चीनी नहीं लेनी चाहिए लेकिन कोल्ड ड्रिंक की 750 एमएल की बोतल में 80 ग्राम चीनी होती है. इस तरह से देखा जाए तो आप इस बोतल का 40 रुपए या इससे अधिक का दाम देकर 80 ग्राम चीनी खरीद रहे हैं. क्योंकि चीनी के अलावा इस बोतल में केवल पानी और रंग ही होता है, जिसकी कोई खास कीमत नहीं होती. इस तरह से आप सोच सकते हैं कि कितने रुपए देकर आप क्या खरीद रहे हैं और इसका सेहत पर क्या असर पड़ रहा है. इससे बिल्कुल साफ होता है कि यह कार्बोनेट ड्रिंक न केवल हमें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रही है बल्कि हमारी सेहत भी बिगाड़ रही है.
हालांकि कई बार विशेषज्ञ कोल्ड ड्रिंक पीने से बचने की सलाह दे चुके हैं, क्योंकि इसके सेवन से कई बीमारियां आपको घेर सकती हैं. बावजूद इसके बाजार में कोल्ड ड्रिंक धड़ल्ले से बिक रही है. एक रिसर्च कहता है कि कोल्ड ड्रिंक्स शरीर में कैलोरी बढ़ा देती है जिससे कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं. वजन बढ़ाने से लेकर मधुमेह तक का खतरा होता है. रोज एक केन कोल्ड ड्रिंक पीने से सेहत को भारी नुकसान पहुंच सकता है. रिपोर्ट कहती है कि इन पेय पदार्थों में फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है. अधिक फ्रुक्टोज पीने से इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है. इस वजह से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है.
बता दें कि कोल्ड ड्रिंक बेचने वाली कम्पनियां अमेरिका में साफ लिखती है इससे कोई पोषण नहीं मिलता है. यह कोई हेल्थ ड्रिंक नहीं है. इसके अलावा ये भी लिखा होता है कि कार्बोनेट वाटर के साथ केरामल कलर्स डाले गए हैं. इसमें फास्फोरिक एसिड और कैफीन भी मिलाया गया है लेकिन भारत में बेची जाने वाली कोल्ड ड्रिंक में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा होता है. आईसीएमआर की गाइडलाइन कहती है कि प्रति 100 ml के ड्रिंक में 2 ग्राम से ज्यादा चीनी नहीं होनी चाहिए. एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में 25 ग्राम से अधिक चीनी नहीं खानी चाहिए. जबकि भारत में 750 एमएल की कार्बोनेटेड ड्रिंक की बोतल में 10.6 ग्राम और प्रति 100 एमएल के हिसाब से 79.5 ग्राम चीनी पाई गई.
-भारत एक्सप्रेस
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