बीते 27 जुलाई को भारी बारिश के दौरान एक कोचिंग सेंटर (Rau’s IAS Study Circle) के बेसमेंट में पानी भर जाने यूपीएससी की तैयारी कर रहे 3 छात्रों की मौत को लेकर राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस अपने साथ बस में बैठाकर दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारियों से बात करने ले गई है. इनके समक्ष छात्र अपनी बात रखेंगे. प्रदर्शनकारी छात्रों ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उन्हें पुलिस बस में बैठाकर ले जा रही है.
छात्रों ने कहा कि हम अपने साथी छात्रों को इंसाफ दिलाकर रहेंगे, लेकिन यह अफसोस की बात है कि हमें विरोध-प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है. पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर बैरिकेड लगा दिए हैं, ताकि छात्रों को प्रदर्शन करने से रोका जाए. पुलिस से पूछा गया कि आप छात्रों को प्रदर्शन करने से क्यों रोक रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व से निर्देश मिला है. इस बीच कई छात्रों ने संतुष्टि जाहिर की है कि उन्हें अपनी बात रखने के लिए उच्च अधिकारियों के पास ले जाया जा रहा है, जहां वो अपनी बात रख सकेंगे.
अपने साथियों की मौत से आक्रोशित छात्रों ने नगर निगम, दिल्ली सरकार और दिल्ली फायर सर्विस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पिछले कई दिनों से छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया पर कई तरह के पेज बनाए गए हैं, जहां छात्र प्रदर्शन को धार देने के प्रयास में जुटे हुए हैं. अब तक 5 हजार छात्र इन सोशल मीडिया मंचों पर जुड़ चुके हैं, जहां वो अपनी बात रख रहे हैं.
अन्य राज्यों से भी कई छात्र दिल्ली में आकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं. उनका कहना है कि दिल्ली ही नहीं, बल्कि कई राज्यों के शिक्षण संस्थानों में नियमों की अनदेखी की जा रही है और प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है. प्रशासन के संरक्षण में कोचिंग संस्थान नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिसकी वजह से छात्र को अपनी जान गंवानी पड़ रही है.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि दिल्ली सहित अन्य राज्यों में कई जर्जर इमारतों में कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं और हैरानी की बात है कि वहां बड़ी संख्या में छात्र पढ़ने जाते हैं. यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि इन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन दुख की बात यह है कि कोचिंग संस्थानों द्वारा प्रशासन के मुंह में भारी भरकम रकम ठूसी जाती है, ताकि वो अपना कोचिंग चला सकें.
1. प्रदर्शनकारी छात्रों की पहली मांग है कि हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों की संख्या स्पष्ट हो. पुलिस का कहना है कि तीन छात्र मारे गए, लेकिन छात्रों का मानना है कि यह संख्या इससे ज्यादा हो सकती है. वे एक सटीक एफआईआर कॉपी चाहते हैं.
2. दूसरी मांग है कि हर मृतक छात्र के परिवार को 5 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए. उनका मानना है कि यह राशि परिवारों के भरण-पोषण के लिए जरूरी है.
3. तीसरी मांग एमसीडी कमिश्नर, एमएलए और एमपी माफी मांगें. वे यह भी चाहते हैं कि ये अधिकारी बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करें या अपने पदों से इस्तीफा दें.
4. वे कोचिंग सेंटर के लिए बेसमेंट का इस्तेमाल बंद कराना चाहते हैं. उनका मानना है कि यह चलन सुरक्षित नहीं है और इसकी वजह से छात्रों की मौतें हुई हैं.
5. वे सभी इमारतों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने की मांग करते हैं. यह मुखर्जी नगर में हाल ही में हुई आग से सुरक्षा की घटना और बेसमेंट में छात्रों की मौत के बाद किया गया है.
6. आखिरी मांग किराये पर नियंत्रण और ब्रोकरेज शुल्क न लेने की है. छात्रों को कमरे किराये पर लेने पर उच्च ब्रोकरेज शुल्क का सामना करना पड़ता है, जो उनके वित्तीय बोझ को बढ़ाता है.
सेंट्रल दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में भारी बारिश के दौरान एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण हुई यूपीएससी के तीन स्टूडेंट्स की मौत के कुछ दिनों बाद मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार सभी तरह के कोचिंग सेंटरों को विनियमित (Regulate) करने के लिए कानून लाएगी.
उन्होंने कहा कि कानून न्यूनतम बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं और शिक्षक योग्यता को निर्धारित करेगा. कोचिंग सेंटरों द्वारा ली जाने वाली फीस को भी रेगुलेट किया जाएगा.
आम आदमी पार्टी की नेता और मंत्री आतिशी ने कहा, ‘दो महत्वपूर्ण चीजें सामने आई हैं, पहला-जो नाले उस क्षेत्र में जलभराव के लिए जिम्मेदार थे, उस पर वहां के सारे कोचिंग सेंटर ने अतिक्रमण किया हुआ था जिसकी वजह से नाले से पानी नहीं निकल पा रहा था. दूसरा- बेसमेंट में क्लास और लाइब्रेरी चल रही थी वो 100% गैरकानूनी है. बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग और स्टोरेज के लिए किया जा सकता था.’
उन्होंने कहा, ‘प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर MCD (दिल्ली नगर निगम) ने कार्रवाई शुरू की, जो जूनियर इंजीनियर जिम्मेदार था उसे MCD से बर्खास्त कर दिया है. असिस्टेंट इंजीनियर को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है. मैं आपको भरोसा दिलाना चाहती हूं कि जैसे ही पूरी जांच रिपोर्ट सामने आएगी और इन अधिकारियों के अलावा भी कोई भी अधिकारी शामिल हुआ उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
-भारत एक्सप्रेस
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