Delhi Floods: दिल्ली में बुधवार को यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 207.71 मीटर पर पहुंच गया. इससे पहले 1978 में नदी का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंचने का रिकॉर्ड था. यमुना का जलस्तर बढ़ने से किनारे के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. आसपास के इलाकों में बने मकान और बाजारों में पानी घुसने के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. वहीं यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सीएमअरविंद केजरीवाल ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है.
बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी. इस धारा के तहत चार से अधिक लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने पर रोक होती है. सीडब्ल्यूसी के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बुधवार सुबह चार बजे 2013 के बाद पहली बार 207 मीटर के निशान को पार कर गया. यह शाम चार बजे तक बढ़कर रिकार्ड 207.71 मीटर के निशान तक पहुंच गया.
दिल्ली सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है. वहीं आईएमडी ने अगले दो दिनों में उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है. जल स्तर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुचने के बाद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया कि यमुना का जलस्तर और न बढ़े.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में, केजरीवाल ने अनुरोध किया कि यदि संभव हो तो हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से पानी सीमित गति में छोड़ा जाए. केजरीवाल ने गृहमंत्री शाह का ध्यान आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की ओर आर्कषित करते हुए लिखा कि दिल्ली कुछ हफ्तों में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है. उन्होंने कहा, ‘‘देश की राजधानी में बाढ़ की खबर से दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। हम सबको मिलकर दिल्ली के लोगों को इस स्थिति से बचाना होगा.’’
राहत शिविरों में आने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए एक व्यक्ति ने कहा, “हम जैसे गरीब लोग ही हैं जो इस समस्या से परेशान हैं… सरकार झूठे वादे करती है लेकिन जमीन पर कुछ नहीं करती। हमें कुछ नहीं मिलता.” एक अन्य बाढ़ पीड़ित राधे किशन ने सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “पिछले साल भी इलाके में बाढ़ आई थी. सरकार ने तब से अब तक शायद ही कुछ किया है और स्थिति अभी भी वैसी ही बनी हुई है.”
वहीं राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार नदी के तटबंधों को मजबूत कर रही है और लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर निकाल रही है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक सलाह जारी करके लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा और निचले इलाकों में जाने को लेकर आगाह किया.
प्राधिकरण द्वारा जारी सलाह में कहा गया है कि यमुना नदी में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, इसलिए लोगों को बिजली के तारों से दूर रहना चाहिए और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क करना चाहिए. सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय जल आयोग के अनुमान के मुताबिक आज रात को यमुना का स्तर 207.72 मीटर तक पहुंच जायेगा. यह दिल्ली के लिए अच्छी खबर नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में पिछले दो दिन से बारिश नहीं हुई है, हालांकि, हथिनीकुंड बैराज से हरियाणा द्वारा असामान्य रूप से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का स्तर बढ़ रहा है. केंद्र से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि यमुना का जलस्तर और न बढ़े. वर्ष 1978 में उच्चतम बाढ़ स्तर 207.49 मीटर था. वर्तमान स्तर 207.55 मीटर है.’’
-भारत एक्सप्रेस
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