जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, यूनाइटेट अगेंस्ट हेट के संस्थापक खालिद सैफी और मामले में अन्य सह-आरोपियों की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 25 नवंबर को सुनवाई करेगा.
पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा था कि जमानत याचिका की सुनवाई 2 साल से अधिक समय से लंबित है. शरजील इमाम के तरफ से कहा गया था कि 29 अप्रैल 2022 से उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई लंबित है. यह याचिका 7 अलग-अलग पीठो के सामने 62 बार लिस्टिंग हो चुकी है. शरजील के वकील ने हाई कोर्ट को यह भी बताया था कि अभी यह केस जल्दी खत्म होने वाला नही है, क्योंकि पुलिस की जांच जारी है.
1000 से अधिक गवाहों की गवाही होना बाकी
इस केस में 1 लाख से अधिक पन्नों के दस्तावेजों की जांच करने का काम अभी बाकी है. इन सभी के अलावे 1000 से अधिक गवाहों की गवाही भी होनी है. बता दें कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. कड़कड़डूमा कोर्ट में जमानत पर सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली पुलिस चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग इस तरह से कर रही हैं जैसे कोई मंत्र हो.
वकील ने कहा था कि चार्जशीट में बार-बार नाम लेने और झूठ बोलने से कोई तथ्य सच साबित नही हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल भी चलाया जा रहा है.
खालिद पर दंगों का मास्टरमाइंड होने का आरोप
गौरतलब है कि उमर खालिद, शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों के कथित तौर पर मास्टरमाइंड होने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे.
बता दें कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. खालिद को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 28 मई को ट्रायल कोर्ट ने खालिद की दूसरी बार नियमित जमानत की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
– भारत एक्सप्रेस
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