देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने UIDAI को जाली आधार कार्ड से संबंधित जानकारी दिल्ली पुलिस को साझा करने का दिया निर्देश

दिल्ली हाइकोर्ट ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को निर्देश दिया है कि वह नकली मुद्रा नोटों की आपूर्ति के आरोपी एक व्यक्ति से बरामद जाली आधार कार्ड से संबंधित सभी जानकारी दिल्ली पुलिस को प्रदान करे, ताकि इसे आधार डेटा बैंक से सत्यापित किया जा सके. न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने हाल ही में यूआईडीएआई वेबसाइट पर जांच करने पर आरोपी के साथ विवरण मेल नहीं खाने के बाद, डेटाबेस के साथ जाली आधार कार्ड के सत्यापन की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका को स्वीकार कर लिया.

हाईकोर्ट ने UIDAI को दिया निर्देश

अदालत ने कहा प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को पत्र में उल्लिखित आधार संख्या के लिए सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. अगस्त 2021 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली कि रियाजुद्दीन नामक व्यक्ति नकली भारतीय मुद्रा नोटों की आपूर्ति और वितरण में शामिल है. जाल बिछाया गया और उसे 2,000 रुपये के 6 नकली नोटों और 500 रुपये के 16 नकली नोटों के साथ पकड़ लिया गया. उसके खिलाफ धारा 489 बी (असली, जाली या नकली मुद्रा नोटों या बैंक नोटों के रूप में उपयोग करना), 489 सी (जाली या नकली मुद्रा नोटों या बैंक नोटों का कब्ज़ा) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी.

जाली आधार कार्ड से जुड़ा है मामला

व्यक्तिगत तलाशी के दौरान, रियाज़ुद्दीन नाम और उसकी फोटो वाला एक आधार कार्ड बरामद किया गया. हालांकि, उसके कार्ड से रोहित नाम का एक और आधार कार्ड भी बरामद हुआ, जिसमें उसकी फोटो भी थी. दिल्ली पुलिस के अनुसार रोहित के नाम से मिला आधार कार्ड जाली था, इसका इस्तेमाल मोबाइल नंबर प्राप्त करने और कुछ होटलों में आरक्षण करने के लिए किया गया था. बाद में आरोपियों के खिलाफ अन्य अपराधों को शामिल करते हुए एक आरोपपत्र दायर किया गया.

दिल्ली पुलिस के पत्र को UIDAI ने किया था अस्वीकार

दिल्ली पुलिस द्वारा 20 अप्रैल, 2022 को यूआईडीएआई के निदेशक को एक पत्र भेजा गया था जिसमें जाली आधार कार्ड के विवरण के सत्यापन की मांग की गई थी. हालांकि अनुरोध को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि आधार अधिनियम के संदर्भ में आवश्यक आदेश उच्च न्यायालय से प्राप्त किए जाएंगे. दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया कि मांगी गई जानकारी आधार अधिनियम की धारा 2 (एन) में परिभाषित पहचान जानकारी के दायरे में आती है. यह तर्क दिया गया कि यूआईडीएआई से मांगी गई जानकारी मामले की उचित जांच और निर्णय के लिए महत्वपूर्ण है.

पुलिस ने यह भी कहा कि ऐसी जानकारी का खुलासा किसी भी तरह से कार्ड धारक की निजता के अधिकार का हनन नहीं है. याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति ओहरी ने कहा कि यदि दिल्ली पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान की जाती है तो न्याय का हित पूरा होगा.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने कथित नफरत भरे भाषण को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिकाएं खारिज कीं

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

Year Ender 2024: ये हैं वो 5 फिल्में जो बेहद कम बजट में बनी, लेकिन किया बड़ा धमाका, जानें इनके नाम

Year Ender 2024: इस साल कुछ फिल्में ऐसी भी रहीं जिन्होंने कम बजट के बावजूद…

9 mins ago

बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी को लगी चोट, बोले- राहुल गांधी ने दिया धक्का

बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी ने राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका दावा है…

25 mins ago

40 साल में 12 बार शादी और तलाक, ऑस्ट्रियाई कपल की अजीबोगरीब कहानी, जानें क्या है पूरा मामला

ऑस्ट्रिया में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला और उसके…

1 hour ago

5000 कदम चलने का सही तरीका: तेज चाल या धीमी चाल, कौन है ज्यादा फायदेमंद?

आज आपको बताते हैं कि 5000 कदम चलने के कौन-कौन से प्रभावी तरीके हैं, जिनके…

1 hour ago