पीने के पानी के संकट से जूझ रही दिल्ली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा अतिरिक्त पानी की मांग वाली याचिका पर हिमाचल प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वो शुक्रवार से 137 क्यूसेक पानी रिलीज करे, और यह प्रक्रिया एक महीने तक जारी रहनी चाहिए. जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि दिल्ली में किसी भी तरह से पानी की बर्बादी न हो राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे.
कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार पानी के प्रवाह को जो हिमाचल से मिल रहा है उसे बिना किसी रुकावट के दिल्ली के वजीराबाद तक आने दे, ताकि दिल्ली के लोगों को पीने का पानी मिल सके. कोर्ट ने हरियाणा सरकार से यह भी कहा है कि वह अपने क्षेत्र में पड़ने वाली नहर से पानी दिल्ली तक पहुंचने को सुनिश्चित करे. कोर्ट 10 जून को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षों से स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने को कहा है.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार सहित अन्य राज्यों से पानी को लेकर राजनीति नहीं करने को कहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सभी संबंधित राज्यों को 5 जून को केंद्र सरकार, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली और यमुना रिवर बोर्ड से बैठक करने को कहा था.
कोर्ट ने बोर्ड की मीटिंग की रिपोर्ट देखने के बाद यह आदेश दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि बोर्ड बैठक करके अतिरिक्त पानी की व्यवस्था कर सकता है, लेकिन दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी को आपूर्ति किए जाने वाले पानी का लगभग 50% से ज्यादा बर्बादी रोकनी होगी. हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह हरियाणा के रास्ते दिल्ली में पानी लाने वाली नहरों के जरिए अपना अतिरिक्त पानी दिल्ली को देने के लिए तैयार है.
बता दें दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में दिल्ली सरकार ने मांग की है कि जल संकट को देखते हुए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी देने का निर्देश जारी किया जाए. दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार को निर्देश दे कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा वजीराबाद बैराज के माध्यम से दिल्ली को दिया जाने वाला अतिरिक्त पानी तुरंत छोड़े और यह व्यवस्था कम से कम एक महीने के लिए होनी चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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