देश

चुनाव जीतने के बाद भी सत्ता प्राप्त करने के लिए Donald Trump को करना होगा 74 दिनों का इंतजार, जानें America का ये नियम

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं, लेकिन उन्हें इस पद को संभालने के लिए कम से कम 74 दिनों का इंतजार करना पड़ेगा. इसका कारण है अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की एक पुरानी परंपरा और प्रक्रिया, जिसके अनुसार नए चुने गए राष्ट्रपति को पद की शपथ लेने से पहले एक निश्चित समय का अंतराल दिया जाता है.

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद सत्ता हस्तांतरण का एक खास प्रोटोकॉल होता है. चुनाव के नतीजों के बाद, नए चुने गए राष्ट्रपति को तुरंत पदभार नहीं सौंपा जाता. इसके बजाय, वर्तमान राष्ट्रपति सत्ता के सुचारु हस्तांतरण के लिए एक निश्चित अवधि तक पद पर बने रहते हैं. इस दौरान नए राष्ट्रपति को महत्वपूर्ण जानकारी और जिम्मेदारियों से अवगत कराया जाता है, ताकि वे पदभार संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें.

74 दिनों का इंतजार

इस परंपरा के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यकाल हमेशा जनवरी की 20 तारीख को समाप्त होता है. इसलिए, चुनाव जीतने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी तक राष्ट्रपति का पद नहीं संभाल पाएंगे. तब तक मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन अपने पद पर बने रहेंगे और सभी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे. इस 74 दिनों की अवधि को “लंबे बत्तख (Lame Duck)” अवधि भी कहा जाता है, जिसमें निवर्तमान राष्ट्रपति के पास सीमित शक्तियां होती हैं.

शपथ ग्रहण समारोह और कार्यकाल की शुरुआत

डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को होगा. इस दिन को अमेरिका में “Inauguration Day” (शपथ ग्रहण दिवस) कहा जाता है. इस दिन नए राष्ट्रपति सार्वजनिक रूप से संविधान की रक्षा और देश की सेवा करने की शपथ लेते हैं. इसके बाद ही उनका आधिकारिक कार्यकाल शुरू होता है और वे अपनी पूरी शक्तियों के साथ देश के राष्ट्रपति बन जाते हैं. शपथ ग्रहण के बाद निवर्तमान राष्ट्रपति औपचारिक रूप से व्हाइट हाउस छोड़ देते हैं और नए राष्ट्रपति वहां अपना निवास स्थान बना लेते हैं.

अधिकार और शक्तियों में सीमाएं

इस अंतराल के दौरान, नए चुने गए राष्ट्रपति के पास औपचारिक रूप से कोई अधिकार नहीं होता. हालांकि, उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य मुद्दे, आर्थिक नीतियां आदि, ताकि वे नए पद को संभालते ही तत्काल कार्य कर सकें. इस दौरान, मौजूदा राष्ट्रपति के पास देश का प्रशासनिक नियंत्रण होता है, लेकिन “लंबे बत्तख” अवधि में उनके अधिकार सीमित होते हैं, क्योंकि देश की जनता ने एक नए नेता को चुना होता है.

सत्ता हस्तांतरण का महत्व

सत्ता का यह व्यवस्थित हस्तांतरण प्रक्रिया अमेरिका के लोकतंत्र की स्थिरता का प्रतीक है. यह सुनिश्चित करता है कि नए राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां बिना किसी असमंजस या संकट के संभाल सकें.

-भारत एक्सप्रेस

Ashutosh Kumar Rai

आशुतोष कुमार राय, भारत एक्सप्रेस के साथ बतौर सब एडिटर जुड़े हैं और करीब 7 वर्ष से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले आशुतोष, पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. क्रिकेट, लाइफस्टाइल और राजनीति में खास दिलचस्पी है. देश-दुनिया और राजनीति की लेटेस्ट खबरों, विश्लेषण, इनसाइड स्टोरी और अपडेट्स के लिए आशुतोष को फॉलो करें… X Account: @AshuRai208

Recent Posts

‘मैं छोटे-से गांव से यहां तक पहुंचा, मैंने बहुत लंबा रास्ता तय किया..’, अडानी बोले- मेरा काम और परिवार ही मेरी दुनिया

भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति गौतम अडानी ने आज अपने काम-काज और जीवन संतुलन के बारे…

17 mins ago

Mahakumbh 2025: वैदिक संस्कृति के ध्वज वाहक श्री शंभू पंचअग्नि अखाड़े का महाकुंभ क्षेत्र में भव्य प्रवेश

Mahakumbh 2025: एक करके महाकुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म के सभी 13 अखाड़ों का प्रवेश…

22 mins ago

अपहरण के मामले में तीन आरोपी दिल्ली की अदालत से बरी, जानें क्या है ये मामला

सत्र अदालत ने गवाहों के मुकरने और वैज्ञानिक साक्ष्य की कमी के कारण तीन आरोपियों…

43 mins ago

TTP क्या है…जिसे हर कीमत पर खत्म करना चाहता है PAKISTAN, कहीं अफगानिस्तान बनने का तो डर नहीं?

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) 2007 में अस्तित्व में आया. इसका उद्देश्य पाकिस्तानी सशस्त्र बलों और राज्य…

47 mins ago

Somvati Amavasya 2024: 30 या 31 दिसंबर? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

सोमवती अमावस्या 2024 इस साल 30 दिसंबर को मनाई जाएगी. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली…

1 hour ago