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Manmohan Singh को BMW से ज्यादा अपनी मारुति 800 से प्यार था- पूर्व सुरक्षा अधिकारी ने शेयर किया दिल को छू लेने वाला किस्सा

Manmohan Singh’s love for his Maruti 800 car: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं. गुरुवार (26 दिसंबर) को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनका निधन हो गया. उनकी सादगी, उनके नेतृत्व और उनके व्यक्तित्व की मिसाल दुनिया दे रही है. उनके निजी जीवन से जुड़ीं कुछ बातें अब वायरल हो रही हैं, जैसे उनकी पसंदीदा कार – मारुति 800. वह कहते थे कि मुझे इसमें (लग्जरी कार) चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो मारुति 800 है.

उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और मनमोहन सिंह के सुरक्षा गार्ड रहे असीम अरुण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए एक दिलचस्प कहानी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह को अपनी मारुति 800 से बेहद लगाव था.

मनमोहन की सुरक्षा में तैनात रहे

अरुण, जो विशेष सुरक्षा समूह (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप/SPG) के अधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लगभग तीन वर्षों तक मनमोहन सिंह के निकट सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे. उन्होंने सिंह के व्यक्तित्व के बारे में अपने अनुभव और अंतर्दृष्टि साझा की तथा उनकी साधारण जीवनशैली और आम आदमी के साथ जुड़ाव पर जोर दिया.

भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी से राजनेता बने अरुण ने यह नोट 92 वर्षीय सिंह के निधन के तुरंत बाद साझा किया. असीम अरुण ने लिखा, ‘मैं 2004 से लगभग तीन साल तक डॉ. मनमोहन सिंह का बॉडी गार्ड रहा. एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अहम हिस्सा होता है – क्लोज प्रोटेक्शन टीम और मुझे इस टीम का नेतृत्व करने का अवसर मिला था. AIG CPT वो व्यक्ति है, जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता. यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा. ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी.’

मेरी गड्डी तो यह है

असीम अरुण ने बताया, ‘डॉ. साहब के पास एक ही कार थी – मारुति 800. PM हाउस में चमचमाती काली BMW खड़ी रहती थी. मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति).’

असीम ने आगे कहा, ‘मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए SPG ने इसे लिया है. लेकिन जब कारकेड (सुरक्षा के लिए तैनात कारों का काफिला) मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते. जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है. करोड़ों की गाड़ी PM की है, मेरी तो यह मारुति है.’

भौतिकवाद से दूर

मनमोहन सिंह की ने हमेशा अपने जीवन को व्यक्तिगत आराम और भौतिकवाद से दूर रखा. उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन किया. पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल और सादगी को हमेशा याद किया जाएगा. 92 साल की उम्र में दिवंगत हुए मनमोहन सिंह को अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए खोलने का श्रेय दिया जाता है. सिंह 2004 से 2014 के बीच दो कार्यकालों के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री थे.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

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