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भारत और न्यूजीलैंड के बीच उद्योग संगठनों की पहली राउंड टेबल मीटिंग दिल्ली में आयोजित, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

भारत और न्यूजीलैंड ने गुरुवार को नई दिल्ली में दोनों देशों के उद्योग संगठनों के साथ अपनी पहली गोलमेज संयुक्त बैठक की. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल और भारत में न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त डेविड पाइन ने की. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वाणिज्य के वर्तमान स्तर को देखते हुए, दोनों पक्षों ने भारत-न्यूजीलैंड गठबंधन में भारी क्षमता और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए सहमति जताई.

जारी किए गए बयान में कहा गया कि 1986 के द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत गठित संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. वहीं न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त ने आपसी लाभ, आनुपातिकता, व्यापार को सक्षम करने और निजी क्षेत्रों के साथ सहयोग के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त प्रयासों के महत्व पर बल दिया. उनके द्वारा खोजे गए कुछ क्षेत्रों में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्रणाली को बढ़ावा देना, कार्बन क्रेडिट सहयोग, क्षेत्रीय व्यवस्थाओं के माध्यम से आर्थिक सहयोग और विशिष्ट मुद्दों पर एक साथ काम करना जैसे Zespri द्वारा किए गए व्यापक प्रस्ताव और गैर-टैरिफ पर अनुरोधों की प्राथमिकता शामिल है.

उच्चायुक्त ने यह भी बताया कि भारत न्यूजीलैंड व्यापार परिषद ने अप्रैल 2023 में आर्थिक समृद्धि के लिए सहकारी गतिविधियों के क्षेत्र को दर्शाते हुए ” भारत न्यूजीलैंड- अगले चरण के लिए संबंध तैयार” पर एक रिपोर्ट जारी की है. उन्होंने दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क बढ़ाने पर भी जोर दिया.

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आधिकारिक बयान के अनुसार, राजेश अग्रवाल ने द्विपक्षीय व्यापार में सुधार के लिए मौजूदा संस्थागत तंत्र को मजबूत करने की बात कही. साथ ही सहयोग और सहयोग के मुद्दों पर काम करने के लिए एक संरचना तैयार करने पर जोर दिया. इसमें विशिष्ट पहचाने गए मुद्दों पर काम करने के लिए संयुक्त सचिव स्तर पर एक कार्य समूह की स्थापना किया जाना भी शामिल है. इसे संयुक्त व्यापार समिति की बैठक के दौरान बढ़ाया और अंतिम रूप दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए दोनों पक्षों से एक ठोस प्रयास की आवश्यकता होगी और G2G, B2B और G2B इंटरैक्शन में विचार-विमर्श को ध्यान में रखना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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