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कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या के जश्न की कनाडा के उच्चायुक्त ने की निंदा

Delhi: भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके ने गुरुवार को पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वाली एक घटना की निंदा की है. मैकके ने कहा कि वह कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वाले कार्यक्रम की खबरों से “स्तब्ध” हैं.

नफरत या हिंसा के लिए कनाडा में कोई जगह नहीं

कैमरून मैके ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ” कनाडा में एक कार्यक्रम की रिपोर्ट से मैं स्तब्ध हूं, जिसमें दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया. नफरत या हिंसा के महिमामंडन के लिए कनाडा में कोई जगह नहीं है. मैं स्पष्ट रूप से इन गतिविधियों की निंदा करता हूं.” कनाडा के दूत का बयान सोशल मीडिया पर चल रहे एक असत्यापित वीडियो के खिलाफ आया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाने वाली कनाडा की एक झांकी दिखाई गई है. वीडियो में इंदिरा गांधी की प्रतिमा को खून से लथपथ देखा जा सकता है.

कनाडा के उच्चायुक्त हुए तलब

इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में तक भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही हैं. 31 अक्टूबर, 1984 को उनके आधिकारिक आवास पर उनके ही दो अंगरक्षकों द्वारा उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हाल ही में मार्च में, ओटावा में भारतीय दूतावास में सुरक्षा उल्लंघन के बाद विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ने स्पष्टीकरण मांगा है कि ऐसे तत्वों को पुलिस की मौजूदगी में भारत के राजनयिक मिशनों और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा में सेंध लगाने की अनुमति कैसे दी गई.

विदेश मंत्रालय ने मार्च में जारी एक बयान में कहा, “इस सप्ताह कनाडा में हमारे राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों के खिलाफ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों की कार्रवाइयों के बारे में हमारी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए कनाडा के उच्चायुक्त को कल तलब किया गया था.”

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अलगाववादी तत्वों के खिलाफ कड़े कदम उठाए कनाडा

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि कनाडा सरकार से ऐसे भारत विरोधी अलगाववादी तत्वों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की उम्मीद है. बयान में आगे कहा गया है, ” कनाडा सरकार को वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों की याद दिलाई गई थी और उन लोगों को गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने के लिए कहा गया था, जिन्हें पहले से ही इस तरह के कृत्यों में शामिल होने के रूप में पहचाना जा चुका है.”

Rohit Rai

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