Folk singer Sharda Sinha: बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा नहीं रहीं. बीती रात उनका 72 साल की उम्र में निधन हो गया. वे 72 साल की थीं. वे दिल्ली AIIMS में भर्ती थीं, जहां छठ महापर्व के पहले दिन उन्होंने अंतिम सांस ली. आज (बुधवार) को सुबह 9:40 बजे की इंडिगो फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जा रहा है. दोपहर 12 बजे के बाद उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
शारदा के निधन पर पीएम मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है. पीएम ने उन्हें याद करते हुए X.com पर कहा- उनके (शारदा) गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. महापर्व छठ से जुड़े उनके गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी शारदा के निधन पर X.com पर पोस्ट कर दुख जताया. उन्होंने लिखा, “अपनी मधुर आवाज़ के लिए प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की ख़बर बेहद दुःखद है. उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. छठ के त्योहार में हर ओर गूंजते उनके गीत श्रद्धालुओं और श्रोताओं को उनकी सदा याद दिलाते रहेंगे. शारदा अपने स्वरों के ज़रिए हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी”.
शारदा सिन्हा के निधन पर उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, “परिजनों के लिए तो ये दुख की घड़ी है लेकिन वह मां सबकी थीं. वह सबके करीब थीं जितना दुख मुझे हो रहा है उतना सबको हो रहा होगा…छठ पूजा के समय हमें वह छोड़कर चली गईं…वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी.”
बिहार में बहुत-से लोग ये बात कहते हैं कि उनके यहां छठ पूजा शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरी मानी जाती है. शारदा ने छठ महापर्व के लिए ‘केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके’ और ‘सुनअ छठी माई’ जैसे कई प्रसिद्ध छठ गीत गाए. इन गीतों के बिना छठ पर्व मानों अधूरा सा लगता है. उनके गाए गीत देश क्या, सात समुंदर पार अमेरिका तक में भी सुने जाते हैं. मंगलवार की रात शारदा सिन्हा की आवाज तब खामोश हो गई, जब छठ महापर्व का पहला दिन था.
शारदा सिन्हा ने अपनी मधुर आवाज से न केवल भोजपुरी और मैथिली संगीत को नई पहचान दिलाई, बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी अद्वितीय गायकी का जलवा बिखेरा था. उनकी आवाज में सलमान खान की फिल्म “मैंने प्यार किया” का गाना “कहे तो से सजना” बेहद लोकप्रिय हुआ. इसके अलावा, उन्होंने “गैंग्स ऑफ वासेपुर पार्ट 2” और “चारफुटिया छोकरे” जैसी फिल्मों में भी गाने गाए, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा.
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था. बचपन से ही संगीत में गहरी रुचि रखने वाली शारदा ने अपनी मेहनत और संगीत के प्रति जुनून से खेतों से लेकर बड़े मंचों तक का लंबा सफर तय किया. शारदा सिन्हा विशेष रूप से छठ पूजा के गीतों के लिए प्रसिद्ध हैं और उन्होंने भारतीय संगीत में अपनी एक अलग पहचान बनाई. उन्होंने न केवल मैथिली, बल्कि भोजपुरी, मगही और हिंदी संगीत में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा.
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— भारत एक्सप्रेस
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