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Sharda Sinha

शारदा सिन्हा के गाने सिर्फ़ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश भी देते हैं. वो महिलाओं की ताकत और स्वतंत्रता के लिए आवाज़ उठाती हैं, और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी मुखर हैं.

अपने लोक गीतों और छठ महापर्व के गीतों से भारतीय संगीत जगत में अनमोल योगदान देने वाली प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. देश के कई नेताओं और संगीत जगत की हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.

शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को सुबह-सबेरे दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया. एम्स में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. कई और राजनेता भी शोक व्यक्त करने आ रहे हैं.

शारदा सिन्हा की गायकी में एक खास बात यह है कि उन्होंने लोक संगीत को आधुनिकता से जोड़ा. उन्होंने भोजपुरी, मैथिली, मगही, और हिंदी में गाने गाए, लेकिन उनका नाम सबसे ज्यादा छठ पूजा के गीतों से जुड़ा हुआ है.

लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया. उन्होंने 72 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. शारदा सिन्हा पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं.

Sharda Sinha Health Update: मंगलवार सुबह शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन सिन्हा ने उनका हेल्थ अपडेट दिया. साथ ही बताया कि उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की और मां के स्वास्थ्य की जानकारी ली.

Sharda Sinha: बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका और पद्मभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है.