देश

जयशंकर ने पाकिस्तान को खूब सुनाया, बोले- पीड़ित और साजिशकर्ता साथ नहीं बैठ सकते

Shanghai Cooperation Organisation: भारत और पाकिस्तान ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में एक-दूसरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी पर ‘‘आतंकवाद उद्योग का प्रवर्तक, उसे उचित ठहराने वाला और एक प्रवक्ता” होने का आरोप लगाया. जयशंकर ने एससीओ बैठक में भाग लेने भारत आए पाकिस्तानी विदेश मंत्री को तब आड़े हाथों लिया जब इससे पहले बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत पर निशाना साधते हुए ‘‘कूटनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार’’ के तौर पर इस्तेमाल नहीं करने का आह्वान किया.

इसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर बिलावल के बयान से अनजाने में एक मानसिकता का खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि बिलावल से एससीओ सदस्य राष्ट्र के एक विदेश मंत्री के अनुरूप व्यवहार किया गया. बिलावल पर जयशंकर का पलटवार ऐसे वक्त किया गया जब जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के पांच जवानों की शहादत पर आक्रोश है.

आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते

पाकिस्तान के आतंकवाद से निपटने पर जयशंकर ने कहा कि उसकी विश्वसनीयता इस मामले में उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेज गति से गिर रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो सकती है, जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद के शिकार लोग आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते हैं.”

जयशंकर ने कहा, ‘‘आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद के कृत्यों का मुकाबला करने के लिए अपना बचाव करते हैं. वे इसे अवैध ठहराते हैं. और यही हो रहा है. यहां आकर इन पाखंडी शब्दों का इस्तेमाल करना कि मानो हम एक ही नाव पर सवार हैं. मेरा मतलब है कि वे आतंकवादी कृत्य कर रहे हैं.’’

आतंकवाद पर खरी-खरी

जयशंकर ने भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान के समर्थन का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को बिल्कुल उचित नहीं ठहराया जा सकता है. बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसके वित्तपोषण को रोकना चाहिए.’’ सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे जयशंकर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा और जब दुनिया कोविड-19 महामारी तथा उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही.

आतंकवाद की अनदेखी नुकसानदेह

जयशंकर ने बिलावल, चीन, रूस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के अपने समकक्षों की मौजूदगी में कहा, ‘‘हमें किसी भी व्यक्ति या देश को सरकार से इतर तत्वों के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए नुकसानदेह होगा. हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता. सीमा पार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए.’’

बिलावल को लेकर कही बड़ी बात

विदेश मंत्री ने कहा कि बिलावल एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में भारत आए और यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, “इसमें इससे ज्यादा कुछ मत देखिए.” गोवा में भारत द्वारा आयोजित एससीओ सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद सहित सभी तरह के आतंकवाद को रोका जाना चाहिए. वहीं, बिलावल ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन’’ का मुद्दा उठाया, जिसे कश्मीर के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा गया.
एससीओ मानदंड द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं देते हैं और दोनों विदेश मंत्रियों ने किसी भी देश का नाम नहीं लिया तथा परोक्ष रूप से टिप्पणियां कीं.

एससीओ में बोले बिलावल 

अपने संबोधन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमें एससीओ के भीतर सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त सिद्धांतों के लिए सम्मान सुनिश्चित करना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रों का एकतरफा और अवैध कदम उठाना एससीओ के उद्देश्यों के विपरीत है.’’
बिलावल ने कहा, ‘‘हमें अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने और अपने लोगों के लिए एक नया भविष्य तैयार करने की दिशा में स्पष्ट होना चाहिए, जो संघर्ष को कायम रखने में नहीं, बल्कि संघर्ष के समाधान पर आधारित हो.’’
उन्होंने कोई खास संदर्भ नहीं दिया, न ही संदर्भ को स्पष्ट किया, लेकिन उनकी टिप्पणी को कश्मीर पर भारत की नीति के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है.

भारत और पाकिस्तान

अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई. आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, बिलावल ने परोक्ष रूप से भारत पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कूटनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें सरकार से इतर तत्वों को सरकारी तत्वों के साथ जोड़ना बंद करना चाहिए.’’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खतरे से निपटने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण की वकालत की और कहा कि यह सदस्य देशों की संयुक्त जिम्मेदारी है.

बिलावल ने किया बेनजीर भुट्टो का जिक्र

बिलावल ने आतंकी हमले में अपनी मां एवं पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के मारे जाने की घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं इस विषय पर बोलता हूं, तो मैं न केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में बोलता हूं, जिसके लोगों ने हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाया है, मैं उस बेटे के रूप में भी बोलता हूं जिसकी मां की हत्या आतंकवादियों द्वारा कर दी गई थी.’’
बिलावल ने कहा, ‘‘मैं इस नुकसान के दर्द को महसूस करता हूं, दुनिया भर के पीड़ितों के साथ सहानुभूति रखता हूं. मैं और मेरा देश इस खतरे को खत्म करने के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक प्रयासों का हिस्सा बनने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए न केवल व्यापक, बल्कि सामूहिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए जरूरी है कि हम इस चुनौती से अलग-अलग होकर लड़ने के बजाय एकजुट होकर सामना करें. हमारी सफलता के लिए हमें इस मुद्दे को भू-राजनीतिक हालात से अलग करके देखने की आवश्यकता है.’’

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान कब PoK खाली करेगा, केवल इसी पर होगी बात- जयशंकर की PAK को खरी-खरी

अनुच्छेद 370 पर बोले जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि दुनिया के सामने मौजूदा संकटों ने वैश्विक संस्थाओं की समयबद्ध और प्रभावी तरीके से चुनौतियों का प्रबंधन करने की क्षमता में विश्वसनीयता और भरोसे की कमी को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि एससीओ में सुधार और आधुनिकीकरण अधिक समकालीन दृष्टिकोण प्रदान करेगा जिसका भारत सक्रिय रूप से समर्थन करेगा.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के परिणामस्वरूप आज दुनिया अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है और इन घटनाक्रम ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को अवरुद्ध कर दिया है. जयशंकर ने कहा, ‘‘हालांकि, ये चुनौतियां एससीओ के सदस्य देशों के लिए सामूहिक रूप से सहयोग करने और उनके समाधान का एक अवसर भी हैं. एससीओ के भीतर दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी के साथ, हमारे सामूहिक निर्णय का निश्चित रूप से वैश्विक प्रभाव होगा.’’ जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘‘यह इतिहास है, नींद से उठिए और सच को स्वीकार करिए.’’

Rohit Rai

Recent Posts

PM Modi ने लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं, शांति और समृद्धि की कामना की

इससे पहले कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (CBCI) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में बोलते हुए…

2 mins ago

महिला के झूठे दावे और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के दुरुपयोग पर दिल्ली HC ने महिला पर लगाया जुर्माना

महिला ने याचिका में दावा किया कि उसके पति के परिवार ने उसे प्रताड़ित किया…

26 mins ago

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ की तैयारियों पर अखिलेश यादव का बीजेपी सरकार पर तीखा वार, कहा- BJP वाले कहीं खाने-कमाने में लगें होंगे

अखिलेश यादव ने तैयारियों को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े करते हुए प्रशासन…

1 hour ago

अब OLA भी आपके घर 10 मिनट में पहुंचाएगा आटा-नमक समेत कई Grocery आइटम्स, Swiggy ,Blinkit और Zomato के छूटे पसीने

OLA 10 Minute Delivery: कैब सर्विस देने वाली कंपनी ओला ने अब ग्रॉसरी की होम…

2 hours ago

श्मशान घाट में विवाह! बीड़ी कुमारी और कैंसर कुमार की शादी का अजब-गजब निमंत्रण सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

सोचिए, शादी का कार्ड हाथ में आए और पढ़ते ही आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएं.…

2 hours ago

Boycott Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के बाद अब दिल्ली में व्यापारियों ने लिया बॉयकाट का फैसला

पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों का मुद्दा चर्चा में…

2 hours ago