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बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी कराएगी सेक्स चेंज सर्जरी, जानें कैसे बदला जाता है जेंडर

Buddhadeb Bhattacharya: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी सुचेतना भट्टाचार्य ने खुलासा किया कि वह पुरुष बनने के लिए सेक्स चेंज ऑपरेशन कराने की योजना बना रही हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुचेतना अब ‘सुचेतन’ बनना चाहती हैं. वो अपने आपको एक पुरुष मानती हैं. इसके लिए सुचेतना ने कानूनी सलाह लेना और प्रक्रिया के लिए आवश्यक सभी प्रमाणपत्र प्राप्त करना शुरू कर दिया है. सुचेतना ने कहा कि एलजीबीटीक्यू आंदोलन के तहत उनका ऑपरेशन हो रहा है और उनके माता-पिता या पारिवारिक पहचान चिंता का विषय नहीं है.

सुचेतना ने अनुरोध किया कि उसके माता-पिता को इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं अपने लिए खुद ही निर्णय ले सकती हूं. उन्होंने कहा, “जो कोई भी खुद को मानसिक रूप से एक पुरुष मानता है, वह भी एक पुरुष है, जैसे मैं खुद को मानसिक रूप से पुरुष मानता हूं. मैं चाहती हूं कि यह अब शारीरिक हो.” उन्होंने मीडिया से अनुरोध किया कि इस खबर को तोड़ मरोड़ कर पेश न करें. उन्होंने कहा, “यह मेरा खुद का संघर्ष है. मैं इसे अकेले लड़ना चाहती हूं. यह पहले से कहीं बेहतर है.”

जेंडर डायसफोरिया की वजह से कराया जाता है ऑपरेशन

डॉक्टर बताते हैं कि जिन लोगों को जेंडर डायसफोरिया होता है, वो इस प्रकार का ऑपरेशन कराते हैं. इस बीमारी में लड़का, लड़की की तरह और लड़की, लड़के की तरह जीना चाहती है. कई लड़के और लड़कियों में 12 से 16 साल के बीच जेंडर डायसफोरिया के लक्षण शुरू हो जाते हैं, लेकिन समाज के डर की वजह से ये अपने माता-पिता को इन बदलावों के बारे में बताने से डरते हैं.

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ये है पूरी प्रक्रिया

जेंडर चेंज सर्जरी कराना बहुत मुश्किल होता है. ऑपरेश में भी लाखों खर्च होते हैं. इतना ही नहीं इसे कराने से पहले मानसिक रूप से भी तैयार रहना जरूरी होता है. ये सर्जरी हर जगह उपलब्ध भी नहीं है. कुछ मेट्रो सिटी के अस्पतालों में ही ऐसे सर्जन मौजूद हैं जो सेक्स-रिअसाइनमेंट सर्जरी को कर सकते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि फीमेल से मेल बनने के लिए 32 तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. पहले से शरीर में कोई गंभीर बीमारी होने पर सर्जरी नहीं की जाती है.

डॉक्टर सबसे पहले मानसिक टेस्ट करते हैं. इसके बाद लड़का या लड़की के विए हार्मोन थेरेपी शुरू की जाती है. इसमें इंजेक्शन से लड़का को लड़की और लड़की को लड़के वाला हार्मोन दिया जाता है. इसे शरीर में इंजेक्ट करने के बाद धीरे-धीरे बॉडी में हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाता है.

-भारत एक्सप्रेस

Rakesh Kumar

Sr. Sub-Editor

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