APJ Abdul Kalam’s Birth Anniversary: भारत के पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की रविवार को देश भर में जयंती मनाई जा रही है. न केवल भारत बल्कि दुनिया के तमाम हिस्सों में मौजूद उनके करोड़ों प्रशंसक उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है. बता दें कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की जयंती पर उन्हें याद करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर (एक्स) पर अपने मन के भावों को शेयर करते हुए लिखा है, ‘भारत को महाशक्ति बनाने में अतुल्य योगदान देने वाले महान वैज्ञानिक, मिसाइल मैन, पूर्व राष्ट्रपति, ‘भारत रत्न’ डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. उनका साधना पूर्ण जीवन नए-नए संकल्पों को धारण कर उन्हें सिद्ध करने के लिए साहस व ऊर्जा देता है.’ इसी के साथ उन्होंने महान वैज्ञानिक की तस्वीर भी साझा की है.
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तो वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी देश के महान वैज्ञानिक को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है और ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, ‘किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं. युवा पीढ़ी को नई दिशा देने वाले मिसाइल-मैन के नाम से सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन. उनके सिद्धांत, विचार एवं प्रेरणादायी कार्य आनी वाली युवा पीढ़ियों का सदैव मार्गदर्शन करती रहेंगी.’
बता दें कि बचपन से ही डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रतिभाशाली और मेहनती छात्र थे. स्कूली दिनों से ही उनमें किसी भी कार्य को सीखने की तीव्र इच्छा थी. उन्होंने पढ़ाई में खूब समय दिया. खासतौर पर गणित को पढ़ने में वह काफी रुचि रखते थे. यही वजह रही कि उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किए और फिर छात्रों के चहेते बन गए. पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने हमेशा छात्रों को बड़े सपने देखने और असफलता से कभी न डरने के लिए प्रोत्साहित किया. वह हमेशा छात्रों से यही कहते थे, ‘सपने वे नहीं होते जो रात में सोते समय नींद में आएं, बल्कि सपने वे होते हैं जो रात में सोने ही न दें.’
एक बार डाक्टर कलाम ने अपने बारे में जिक्र करते हुए बताया था कि जब उनका जन्म हुआ था तब परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. उनको परिवार को सहारा देने के लिए अखबार तक बेचने पड़े. डाक्टर कलाम के पिता के पास एक नाव थी और वह एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे. मां अशिअम्मा एक गृहिणी थीं और घर में ही रहती थीं तो वहीं पिता नाव से हिंदू तीर्थ यात्रियों को रामेश्वरम और धनुषकोडी की यात्रा कराते थे और इसी से वह घर का पालन-पोषण करते थे. डॉक्टर कलाम अपने चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे थे. उनको घर में सभी प्यार करते थे.
-भारत एक्सप्रेस
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