UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव में सभी मेयर पदों (17 सीटों) पर कब्जा कर और अन्य पार्टियों की अपेक्षा अधिक से अधिक पार्षदों के पद जीतने वाली बीजेपी भले ही निकाय चुनाव को अपने हक में कर चुकी है, लेकिन दोनों डिप्टी सीएम से लेकर पार्टी को दिग्गज नेताओं और मंत्रियों के इलाके में हार का सामना करना पड़ा है. बड़ी कोशिशों के बाद ये मंत्री और नेता अपने ही गृह जनपद में कमल खिलाने में नाकामयाब रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पोते कोई कमाल नहीं दिखा पाए तो वहीं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गांव में कमल नहीं खिल सका.जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में भी यही हाल रहा.
यूपी सरकार के दिग्गज राज्यमंत्री बलिया के रहने वाले डॉ.दयाशंकर मिश्र दयालु के वार्ड 66 मध्यमेश्वर पर सपा के पार्षद ने कब्जा जमाया है, जबकि यहां जीत दिलाने के लिए मंत्री ने गली-गली घूमकर प्रचार भी किया था, लेकिन मतदाताओं पर वह जादू नहीं चला सके थे.
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डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गृह नगर हरदोई के मल्लावां में भाजपा को करारी शिकस्त मिली है. यहां पर बीजेपी प्रत्याशी सुशीला देवी पर चौथे नंबर पर रहीं जबकि बृजेश पाठक ने उनके लिए एक बड़ी जनसभा और रोड शो भी किया था. यहां से निर्दलीय प्रत्याशी तबस्सुम ने जीत हासिल की है. यहां पर पाठक का जादू न चल पाने के कारण राजनीतिक गलियारों में इस हार की चर्चा हो रही है. वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कौशाम्बी वार्ड में भी भाजपा को जीत नसीब नहीं हुई है.
भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व सीएम स्वर्गीय कल्याण सिंह के क्षेत्र अतरौली में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है. अतरौली से खुद बेसिक शिक्षा मंत्री और कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह विधायक हैं. बावजूद इसके यहां पर भाजपा हार गई. इस सीट पर सपा उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह लोधी ने बीजेपी उम्मीदवार और निवर्तमान चेयरमैन पवन वर्मा को हराया है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी यहां पर चुनावी सभा की थी. बावजूद इसके इनका जादू यहां नहीं चला.
यूपी सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक तो अपनी ही बहन को चुनाव जीता पाने में असमर्थ रहे. हस्तिनापुर सीट से विधायक दिनेश खटीक ने अपनी दो बहनों को चुनाव मैदान में उतारा था. एक बहन वर्षा मोघा सहारनपुर के सरसावां से थीं तो दूसरी बहन सुधा देवी मेरठ की हस्तिनापुर सीट से चुनाव मैदान में थीं. चुनाव परिणाम आने के बाद सरसावां से मंत्री की बहन वर्षा मोघा तीसरे नंबर पर रहीं जबकि दूसरी बहन हस्तिनापुर नगर पालिका से जीत गई हैं.
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के वार्ड में भी पार्टी का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा. नंदी के वार्ड संख्या 80 मोहित्समगंज में बीजेपी प्रत्याशी विजय वैश्य तीसरे नंबर पर रहे. मंत्री नंदी और उनकी पत्नी पूर्व मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने ठाकुरदीन जूनियर हाईस्कूल में मतदान किया और यहां के दोनों ही बूथों पर बाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा. प्रयागराज से ही भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने वार्ड से पार्टी की झोली में जीत नहीं डाल सकीं.
वर्तमान में महिला पहलवानों द्वारा यौन शोषण का आरोप झेल रहे भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के अपने ही गढ़ गोंडा में पार्टी को करारी हार मिली है. यहां की नगर पालिका अध्यक्ष सीट पर सपा उम्मीदवार उजमा राशिद ने 3439 वोटों से जीत दर्ज की है और नवाबगंज नगर पालिका परिषद से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. सतेंद्र सिंह जीते हैं.
सहारनपुर के रामपुर मनिहारान नगर पंचायत सीट पर यूपी सरकार के राज्यमंत्री जसवंत सैनी को हार का मुंह देखना पड़ा है. जबकि उन्होंने अपने क्षेत्र में खूब मशक्कत की थी और मतगणना स्थल पर जमकर बवाल मचा था, लेकिन बसपा की रेनू ने बीजेपी की सुशीला देवी को करारी मात देकर सीट अपने कब्जे में कर ली.
योगी सरकार में हाई प्रोफाइल माने जाने वाले मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली जायस नगर पालिका सीट को भाजपा ने गवां दिया. जायस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनीषा सिंह चौहान ने 3580 वोटों से जीत दर्ज की.
शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के क्षेत्र शाहाबाद में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कई दावेदारों को दरकिनार कर संजय मिश्र को शाहाबाद नगर पालिका सीट से बीजेपी की प्रत्याशी बनवाया था. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने यहां चुनावी जनसभा भी की थी जबकि रजनी तिवारी ने भी गली-गली घूमकर पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे. बावजूद इसके सपा प्रत्याशी नसरीन बानो ने संजय मिश्रा को साढ़े चार हजार वोटों से हरा दिया है.
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और बीजेपी की विधायक अदिति सिंह के गढ़ रायबरेली में भी पार्टी को करारी हार मिली है. नगर पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शत्रोहन सोनकर ने 17,775 मतों के अंतर से रिकॉर्ड जीत दर्ज कराई जबकि बीजेपी प्रत्याशी शालिनी कनौजिया को करारी शिकस्त मिली है. जबकि इस सीट पर योगी आदित्यनाथ खुद प्रचार करने के लिए पहुंचे थे.
-भारत एक्सप्रेस
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