प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश जी-20 के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. इसका जिक्र करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि जी-20के माध्यम से होने वाले कार्यक्रम कुछ निश्चित प्रतिनिधियों के कूटनीतिक कार्यक्रम न होकर भारत में समाज की सहभागिता से उत्सवों का रूप ले लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की यह विशेषता है कि वह सरकारी योजनाओं को समाज के साथ जोड़कर संपूर्ण समाज का कार्यक्रम बनाते हैं. उनके द्वारा घोषित लक्ष्य “एक पृथ्वी ,एक परिवार ,एक भविष्य” विश्व को जोड़ने का माध्यम बना है. यह भारतीय संस्कृति की वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा का साकाररूप है. भारत जी-20 के माध्यम से विविधता युक्त भारत का लोकतान्त्रिक पद्धति से विकास के मॉडल को विश्व के सम्मुख रखना चाहता है.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर प्रवासी भारतीयों के मध्य बोलते हुए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी को गर्व है कि भारत लोकतंत्र की जननी है. अभी तक हम भारत के लोकतंत्र की प्रशंसा करते हुए कहते थे कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं. जहां दुनिया के लोकतंत्र संकट आए ,हमा
भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने कहा कि गुलामी के कालखंड में हमारे ‘स्व’ को भुलाने का योजनाबद्ध प्रयास हुआ. हमको पढ़ाया एवं सिखाया गया कि भारत का अपना कुछ नहीं था, हमको सभी कुछ अंग्रेजों ने ही दिया है. गणित, ज्ञान-विज्ञान, कला, सा
उन्होंने कहा कि हमको पढ़ाया गया कि विश्व का प्रथम लोकतंत्र एथेंस गणराज्य है. एथेंस राज्य तानाशाही से मुक्त होकर प्रथम गणराज्य बना जिसका इतिहास 2000 वर्ष पुराना है. एथेंस गणराज्य से हजारों वर्ष पूर्व भारत मे वेद काल से ही लोकतंत्र की भावना का विकास हुआ था. ऋग्वेद में गणतंत्र शब्द का प्रयोग 400 बार एवं अथर्ववेद में 9 बार प्रयोग हुआ है. राजा के द्वारा अपने सहयोगियों से परामर्श कर शासन चलाने के उदाहरण ऋग्वेद में विद्यमान हैं. राजा एवं उसके सहयोगियों से बनने वाले समूह को “समिति” नाम से संबोधित किया गया. समिति की बैठकों में राजा की उपस्थिति अनिवार्य थी. जैसे कि “राजा न सत्या: समितिरियान:” वेदों मे तीन प्रकार की सभाओ का वर्णन है. जिसमें 1 . विद्यार्य सभा (शिक्षा संबंधी) 2. धर्मार्य सभा (न्याय संबंधी) 3. राजार्य सभा (शासन प्रशासन से संबंधित) के माध्यम से शासन संचालन के प्रमाण मिलते हैं.
शिवप्रकाश ने कहा कि समिति के समान ही सभा भी शासन संचालन का माध्यम थी. इसके अनेक प्रमाण साहित्य मे उपलब्ध हैं. सभा की विशेषता का वर्णन करते हुए कहा है कि वह सभा सभानहीं जिसमें अच्छे लोग नहीं. अच्छे लोग वह है जो राग द्वेष छोड़कर न्याय की बात करते है. “न सा सभा यत्थम न सन्ति संतो”. महाभारत के शांति पर्व मे जन सदन का उल्लेख है. शांति पर्व में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को गणराज्य का महत्व समझाते हुए कहा “जनता के साथ सीधे जुड़ाव का माध्यम गणतंत्र है”. बौद्ध काल में शाक्य , कोलिओ ,लिच्छवि,वज्जी ,
उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र की सफलता का रहस्य यह है कि भारत के सामान्य समाज में स्वभावतः ही लोकतंत्र का भाव कूट-कूट कर भरा है. दुनिया के अनेक देशों में वहां के राजा की तानाशाही प्रवर्ति की प्रतिक्रिया के कारण लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित हुई. वहीं भारत में सकारात्मक भाव से लोकतंत्र जन्मा है. भारतीय संस्कृति में मानव मन का जितना गहन अध्ययन हुआ है उतना अन्य नहीं दिखता. भारत की समृद्ध परंपरा से उद्भूत अध्यात्म इसका कारण है. भारतीय संविधान निर्माताओं ने संविधान निर्माण करते समय सभी को समान मताधिकार देकर इसी भाव को पुष्ट किया था. प्रधानमंत्री भारत को लोकतंत्र की जननी कहकर इसी ऐतिहासिक सत्य को विश्व के सम्मुख उद्घाटित कर रहे हैं. G- 20 इसी प्रकार के भारतीय वैशिष्ट्य को स्थापित करने का माध्यम बनेगी. प्रधानमंत्री मोदी के पंच प्रण को साकार कर भारत को मानसिक गुलामी से भी मुक्ति प्रदान करेगी.
Air Pollution In Delhi: दिल्ली के नौ इलाकों में एक्यूआई का स्तर 300 से ऊपर…
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने कुछ दिन पहले तिलक विहार इलाके…
Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में डाले गए वोटों की गिनती शुरू हो गई…
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों से पहले उम्मीदवार पूजा-अर्चना और…
PM Kisan Yojana Applying Process: अगर आपने अब तक किसान योजना में आवेदन नहीं किया…
उत्तर प्रदेश की कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवान, खैर, फूलपुर, कुंदरकी और सीसामऊ सीटों पर…