Gonda News: पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी पर लगातार अभद्र टिप्पणी करने वाले ग्राम पंचायत सचिव नौशाद अहमद अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है. वह कई सालों से लगातार पीएम और सीएम को सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करते आ रहे थे, जब उनका ये सिलसिला थमने का नाम नहीं लिया, इसके बाद नौशाद के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा जिला पंचायत सदस्य की तहरीर पर दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, गोंडा के झंझरी ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत सचिव नौशाद अहमद अंसारी के खिलाफ जिला पंचायत सदस्य सुशील शुक्ला ने मुकदमा दर्ज करवाया है. उन्होंने तहरीर में आरोप लगाया है कि विकास खंड झंझरी में कार्यरत ग्राम पंचायत अधिकारी नौशाद अहमद लम्बे समय से लगातार शासन और प्रशासन के साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री क खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अभद्र टिप्पणी की जा रही है और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. तहरीर में आरोप लगाया गया है कि नौशाद अहमद अंसारी ने फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट करते हुए वर्तमान शासन प्रणाली को हटाकर नई पद्धति का अविष्कार करने का आह्वान किया है. उन्होंने सांकेतिक शब्दों का भी इस्तेमाल किया है. इसी के साथ ये भी आरोप लगाया गया है कि सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद नौशाद अहमद ने लगातार फेसबुक पर पोस्ट के जरिए विभिन्न समसामयिक विषयों पर अल्पसंख्यकों को भड़काने के काम किया है.
बता दें कि इस शिकायत के बाद नौशाद अहमद अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 (कोई भी जो किसी व्यक्ति की मानहानि करने का दोषी पाया जाता है, उसे न्यायालय द्वारा दो वर्ष तक की कारावास व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है), 505 (2)(सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के मकसद से झूठे बयान देना) और 66 (सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मामला शनिवार को दर्ज हुआ है.
बता दें कि नौशाद अहमद अंसारी के जो फेसबुक अकाउंट के स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं वो पुराने हैं. एक 20 नवम्बर 2016 का है, जिस पर लिखा है, कहने में अच्छा नहीं लगता, लेकिन यह सच है कि भारत का लोकतंत्र जंगल राज की ओर ले जा रहा है. इसमें शरीफ लोगों का किरदार सिमटता जा रहा है. ऐसे में शासन चलाने की नई पद्धति का अविष्कार होना चाहिए, वरना भविष्य में शरीफ और जलील की जंग शुरू हो जाएगी. इसी को गृह युद्ध कहते हैं. एक फेसबुक मैसेज 24 जुलाई 2017 का है, जिसमें लिखा है कि अगर हालात न बदले तो एक वर्ग विशेष को अपने लिए राष्ट्रीय संरक्षित जीव अधिनियम की मांग उठानी पड़ेगी. इसी के साथ 2016 और 2017 के ही कई और भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. फिलहाल रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नौशाद अहमद अंसारी का कोई बयान सामने नहीं आया है.
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