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हिजाब केस:जस्टिस धूलिया ने किया हिजाब का बचाव तो जस्टिस गुप्ता बोले स्कूलों में धार्मिक पोशाक ठीक नहीं

कर्नाटक हिजाब केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया बेंच ने अपनी अलग-अलग रखी है.कुल मिलाकर कहा जाए तो सुप्रीम कोर्ट के जज इस मुद्दे पर बंटे हुए नज़र आए. दोनों के बीच मामले पर सहमति नहीं बन पाई जिसके बाद  दोनों जजों ने अपील की है कि  बड़ी बेंच का गठन हो. जिसके बाद इस विवादित मामले को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पास भेजा जाएगा. लिहाजा अब इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच अपना फैसला सुनाएगी.

क्या कहना है दोनों जजों का ?

कर्नाटक में स्कूल- कॉलेजों में हिजाब पहनने और इसके रोक  मामले की सुनवाई आज सुबह करीब 10.30 शुरू हुई. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया इस पर मंथन कर रहे थे. लेकिन करीब 1 घंटे बाद जब सुनवाई पूरी हुई तो इस पर कोई फैसला नहीं आ सका, क्योंकि दोनों जजों की हिजाब मामले पर अलग-अलग  राय है.  एक जज हिजाब को स्कूल-कॉलेजों में इसे पहनने को अपनी निजी जिंदगी से जुड़ा फैसला मानते हुए सही बता रहें हैं तो वहीं दूसरे जज का यह कहना है कि स्कूल- कॉलेजों में किसी धार्मिक वस्त्र को पहनना सही नहीं है.

इस मामले पर जस्टिस गुप्ता का कहना है कि, “मेरे विचार से इन सभी सवालों का जवाब  याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जाता है. मैं अपील खारिज कर रहा हूं.” उन्होंने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि क्या छात्रों को अनुच्छेद 19, 21, 25 के तहत वस्त्र चुनने का अधिकार मिलेगा? अनुच्छेद 25 की सीमा क्या है? व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजता के अधिकार की व्याख्या किस तरह से की जाए.

वहीं जस्टिस धूलिया ने मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि,  “लड़कियों की शिक्षा  बहुत अहम है. वह बहुत सारी सम्स्याओं का सामना करके स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने जाती हैं.  हिजाब पर रोक से स्कूल-कॉलेज में ड्रॉप आउट बढ़ा है.” धूलिया ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि,  हाईकोर्ट को धार्मिक अनिवार्यता के सवाल पर नहीं जाना चाहिए था. इसे व्यक्तिगत पसंद के तौर पर देखना चाहिए था. मेरी राय अलग है. मैं कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला रद्द करता हूं.

अब यह मामला  सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को ट्रांस्फर कर दिया गया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इस केस पर अपना फैसला सुनाएंगे. बता दें सर्वोच्च अदालत ने 22 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. पूरे 10 दिनों बाद इस मामले पर आज सुनवाई हुई थी लेकिन कोई फैसला नहीं आ सका. फिलहाल कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनना बैन ही रहेगा. 

हाईकोर्ट के फैसले पर चुनौती

कर्नाटक हिजाब मामले में इससे पहले हाईकोर्ट ने याचिका रद्द कर दी थी. इस सुनवाई के दौरान  हाई कोर्ट ने 15 मार्च को राज्य के उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग के कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

भारत एक्सप्रेस

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