Tactics of Terrorism: तौसीफ अली फारूकी की परीक्षा एक महीने बाद ही होने वाली थी और इसके बाद वह बीटेक पास होने के बाद इस क्षेत्र में सुनहरा भविष्य गढ़ सकता था लेकिन वह आतंकवाद से इस तरह से प्रभावित हुआ कि उसने ISIS ज्वाइन करने का फैसला ले लिया. इससे पहले कि वह आतंकवादियों के इस समूह से मिल पाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. यानी परीक्षा से एक महीने पहले वह जेल की सलाखों के पीछे है. जबकि वह कभी IIT गुवाहाटी का एक मेधावी छात्र हुआ करता था. यह पूरा घटनाक्रम हर किसी को चौंका रहा है कि आखिर कैसे एक होनहोर छात्र आतंकवादियों के कसीदे पढ़ने लगा.
IIT गुवाहाटी का छात्र तौसीफ खोरासान जाकर आतंकी संगठन ISIS में शामिल होने की योजना बना रहा था, लेकिन आईआईटी प्रशासन और पुलिस ने बड़ी ही समझदारी के साथ उसके मंसूबे पर पानी फेर दिया. फिलहाल इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस छानबीन कर रही है और लगातार तौसीफ से पूछताछ जारी है. हाल ही में असम पुलिस ने तौसीफ को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था जब वह आतंकी गतिविधियों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक और खूंखार आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) में शामिल होने के लिए जा रहा था. देश छोड़ने से पहले ही असम पुलिस की एसटीएफ ने छात्र को दबोच लिया था.
खबरों के मुताबिक अगर तौसीफ के परिवार की बात करें तो वह एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता है. उसका बड़ा भाई भी आईआईटी कानपुर से पढ़ा है और अपना स्टार्टअप संचालित करता है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उसके माता-पिता का तलाक हो चुका है. फिलहाल मां बाटला हाउस में बुटीक संचालित करती हैं. तो वहीं पिता उसके पटना में रहते हैं. तौसीफ दिल्ली के जाकिर नगर का रहने वाला है. तौसीफ की चाची ने पुलिस को बताया कि दोनों लड़कों पर परिवार को गर्व था क्योंकि दोनों ही पढ़ने में तेज थे. हालांकि इधर कई सालों से वह आईआईटी में अकेले रह रहा था. पुलिस ने बताया कि वह केवल क्लास अटेंड करने के लिए जाता था. पुलिस ने दावा किया है कि उसका माइंडवॉश किया गया है. बीते कुछ महीनों में ये सब हुआ. इसके पीछे डार्क वेब का हाथ है. फिलहाल तौसीफ को हाज से पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बता दें कि तौसीफ के कमरे से काले रंग का झंडा मिला है, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि ये झंडा किस संगठन का है, फिलहाल इसकी जांच जारी है. हालांकि जो मेल सामने आई है, उसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर तौसीफ ने आईजीपी पार्थ सारथी महंता और कुछ छात्रों को क्यों जोड़ा. मेल में उसने हिजरत की बात लिखी है जिसका अर्थ होता है एक शहर से दूसरे शहर को चले जाना. इसी के बाद वह आईआईटी कैंपस से लापता हो गया था और फिर पुलिस ने उसे कई घंटों के बाद करीब 20 किलोमीटर दूर हाज से गिरफ्तार किया था. फिलहाल इस पूरी गुत्थी को सुलझाने में पुलिस लगी हुई है. इसी के साथ ही ये भारतीय समाज के लिए गम्भीर मुद्दा भी है कि कैसे मेधावी छात्र आतंकी संगठन के सम्पर्क में आकर अपनी दिशा भूल रहे हैं?
-भारत एक्सप्रेस
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