Bihar Caste Survey: मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के साथ-साथ साल के अंत में छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. पीएम मोदी खुद भाजपा के प्रचार तंत्र का नेतृत्व कर रहे हैं. चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में पीएम ने अब तक चार रैली की है. इसी क्रम में बुधवार को पीएम मोदी ने जगदलपुर में आयोजित जनसभा से छत्तीसगढ़ को 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनेक विकास परियोजनाओं की सौगात दी. पीएम मोदी ने जगदलपुर, बस्तर में ताड़ोकी-रायपुर रेल सेवा को भी हरी झंडी दिखाई.
जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी की सरकार ने अलग छत्तीसगढ़ का निर्णाण किया. उनकी सरकार ने केंद्र में अलग जनजातीय मंत्रालय बनाया,अलग बजट बनाया , पूरी सरकार में एक विभाग खड़ा कर दिया. कांग्रेस ने दशकों तक नजरअंदाज किया. वे केवल आप का वोट ले लेते थे. बीजेपी सरकार ने मेडिकल , इंजीनियरिग कॉलेज बनाया. मैंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा आदिवासी क्षेत्रों में गुजारा है. मेरा आपसे सीधा दिल का रिश्ता है.
छत्तीसगढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने राहुल गांधी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने ‘जितनी आबादी,उतना हक’ की बात की थी. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस कह रही है जिसकी जितनी संख्या है उसे उसी हिसाब से हक मिले तो इस देश में सबसे ज्यादा आबादी किसकी है? कांग्रेस के हिसाब से अब देश के हिन्दू अपना हक उसी अनुपात में ले लें क्या? इस तरह तो देश के संसाधनों पर पहला हक देश के हिन्दुओं का है. कांग्रेस देश के हिन्दुओं को बांटने का काम कर रही है ताकि उनको बर्बाद किया जा सके.”
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पीएम मोदी ने आगे कहा, “कल से कांग्रेस ने एक अलग राग अलापना शुरू कर दिया है, ये कहते हैं जितनी आबादी, उतना हक. मैं कहता हूं इस देश में अगर सबसे बड़ी कोई आबादी है तो वह गरीब है इसलिए गरीब कल्याण ही मेरा मकसद है. कांग्रेस के मुताबिक, अगर आबादी के हिसाब से ही देश के संसाधनों पर हक का फैसला होने वाला है तो पहला हक किसका होगा?” उन्होंने रैली में आई जनता से सवाल करते हुए कहा, “इस देश में सबसे ज्यादा आबादी किसकी है?”
पीएम मोदी ने कहा कि मैं सोच रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्या सोच रहे होंगे. वह कहते थे कि देश के संसाधनों पर अधिकार सबसे पहले अल्पसंख्यकों का है. लेकिन अब कांग्रेस कह रही है कि समुदाय की आबादी तय करेगी कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार किसका होगा तो अब क्या कांग्रेस अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कम करना चाहती हैं? क्या वे अल्पसंख्यकों को हटाना चाहते हैं? तो क्या सबसे बड़ी आबादी वाले हिंदुओं को आगे आना चाहिए और अपने सभी अधिकार लेने चाहिए? मैं दोहरा रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी अब कांग्रेस के लोगों द्वारा नहीं चलाई जा रही है. वरिष्ठ नेता कांग्रेस के लोग मुंह बंद करके बैठे हैं, न तो उनसे पूछा जाता है, न ही यह सब देखकर बोलने की हिम्मत करते हैं. अब कांग्रेस को आउटसोर्स कर दिया गया है.”
बता दें कि 2 अक्टूबर को बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए. जिसके बाद से राजनीतिक बयानबाजी चरम सीमा पर है. काफी समय से जातीय जनगणना की वकालत करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं. केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5 फीसदी बजट संभालते हैं. इसलिए भारत के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है. जितनी आबादी, उतना हक ये हमारा प्रण है. इसके बाद उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने उन्हें इसके गंभीर परिणाम के बारे में बताया. अभिषेक ने कहा कि अवसर की समानता कभी भी परिणामों की समानता के समान नहीं होती. ‘जितनी आबादी, उतना हक’ का समर्थन करने वाले लोगों को पहले इसके परिणामों को पूरी तरह से समझना होगा. अंततः इसकी परिणति बहुसंख्यकवाद में होगी.
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