झारखंड हाईकोर्ट ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और अन्य लोगों की याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है. न्यायाधीश जस्टिस गौतम चौधरी की कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि झारखंड के किसी भी जिले के उपायुक्त (डीसी) अब रजिस्ट्री कैंसल नहीं कर सकते हैं. साथ ही अदालत ने डीड कैंसिलेशन के दौरान डीड धारक के ऊपर की गयी प्राथमिकियां भी रद्द करने का आदेश दिया है. झारखंड हाईकोर्ट में निशिकांत दुबे की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने बहस की.
दरअसल गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की रजिस्ट्री तत्कालीन डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने रद्द कर दी थी. डीसी की यह कार्रवाई काफी चर्चा में भी रही थी. डीसी द्वारा रजिस्ट्री करने के बाद सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली.
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मालूम हो कि वर्ष 2016 में विभाग ने एक पत्र जारी कर डीसी को यह अधिकार दिया था कि वे कपटपूर्ण निबंधित दस्तावेजों को जांच के बाद रद्द कर सकते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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