Bihar Politics: बिहार में विपक्षी दलों की 23 जून को होने वाली बैठक से पहले ही नीतीश कुमार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री संतोष सुमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. संतोष सुमन ने कहा कि पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए उन्होंने मंत्रीपद से इस्तीफा दिया. उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का अस्तित्व खत्म करना चाहते थे. वहीं अब पार्टी प्रमुख व संतोष सुमन के पिता जीतन राम मांझी का बयान भी आया है.
जीतन राम मांझी ने हालिया घटनाक्रम पर नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा, “हमने इतने दिन उन्हें देखा परखा फिर जाकर यह निर्णय लिया कि अब इन्हें छोड़ना ही पड़ेगा. यह जनता की आवाज़ थी. नीतीश कुमार को हमने अपनी बातें कही, उन्होंने कहा कि पार्टी में आ जाएं या फिर बाहर चले जाएं. चाहे ललन सिंह हो, तेजस्वी यादव हो या नीतीश कुमार हो मुझे किसी से व्यक्तिगत परेशानी नहीं है लेकिन जनहित के साथ समझौता नहीं होगा.”
नीतीश कुमार पर जमकर बरसे बिहार के पूर्व सीएम ने कहा कि बालू नीति और शराब नीति ने बिहार की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है. मांझी ने भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 18 जून को कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है और इस बैठक में ही आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा. जीतम राम मांझी ने कहा कि जनता की आवाज सुनकर हमने इनको छोड़ने का फैसला किया है और अब हम इनको बाहर से धक्का देंगे.
वहीं जीतन राम मांझी के आरोपों पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया भी आई है. उन्होंने कहा कि वे बड़े हैं, वे कुछ भी कह सकते हैं. अब राज्य में काम हो रहा है या नहीं हो रहा है इसका अगर ठीक से आंकलन किया जाए तो पता चल जाएगा कि कितना काम हो रहा है. कुल मिलाकर कहें तो विपक्षी दलों की होने वाली बैठक से पहले नीतीश कुमार के सामने एक नया संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा है. हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि जीतन राम मांझी अब एनडीए के खेमे में जाएंगे या नहीं, लेकिन संतोष सुमन के इस्तीफे से बिहार में सियासी तूफान जरूर उठता नजर आ रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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