वर्तमान समय में बिजली (Power), पानी (Water) एवं ऑक्सीजन (Oxygen) के बगैर रहना मुश्किल है. भारत सरकार (Indian Government) ने ऊर्जा (Energy) के क्षेत्र में आजादी के बाद से काफी काम किया है लेकिन भौगोलिक स्थितियों के दृष्टिगत कुछ गांव, मोहल्ले ऐसे भी हैं जहां आज़ादी के बाद से आजतक बिजली नहीं पहुंच पाई है.
उत्तर प्रदेश (UP) के सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में ऐसा ही एक पुरवा जुगैल (Jugail) के नाम से है जहां अभी कुछ समय पहले ही बिजली पहुंची है लेकिन आजतक मोबाइल का नेटवर्क (Mobile Network) नहीं पहुंच पाया है. वहां के लोग गांव में ही स्थित पहाड़ों पर ऊंची जगहों पर जाकर खुद को मोबाइल नेटवर्क के क़रीब पाते हैं.
भारत सरकार ने उन गांवों, नवविकसित नगर क्षेत्रों, मुहल्लों में जहां बिजली नहीं पहुंच सकी थी वहां बिजली पहुंचाने के लिए जल्द ही सौभाग्य योजना चलाई थी जिसमें गांवों (Villages) तक बिजली पहुंची. लेकिन उसके बावजूद कुछ क्षेत्र इस योजना से लाभान्वित होने से वंचित रह गये.
जब सौभाग्य योजना (Saubhagya Scheme) की विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार पहुंची तो सर्वे करने के बाद यह ज्ञात हुआ कि कुछ मजरे अभी भी विद्युतीकरण से वंचित रह गए हैं तो भारत सरकार द्वारा 20 जुलाई 2021 को आर० डी० एस० एस० (RDSS) की अधिसूचना जारी की गई जिसमें सौभाग्य योजना के अधूरे कार्यों को रिवैम्पड विद्युत सुधार योजना में शामिल करने का निर्देश दिया. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 2026 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है.
एकीकृत बिजली विकास योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना जैसी सभी मौज़ूदा बिजली क्षेत्र सुधार योजनाओं को मिलाकर एक अंब्रैला योजना रिवैंपड वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) की शुरुआत हुई है.
गर्मियों में होने वाली कटौती एवं ओवरलोडिंग (Overloading) से निजात दिलाने और 24 घंटे सप्लाई के लिए बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) सुधारने के लिए अगले कुछ साल में केंद्र और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार साथ मिलकर रिवैम्पड योजना के तहत स्मार्ट मीटरिंग (Smart Meating) के लिए 18,885.48 करोड़ रुपए, लॉस रिडक्शन के लिए 16,496.61 करोड़ रुपए, आधुनिकीकरण के लिए 18,916.20 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
भारत सरकार की रिवैम्पड योजना के तहत जिले की बिजली व्यवस्था और भी बेहतर करने के लिए कार्यदायी संस्थाओं ने सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया है, कुछ स्थानों पर सर्वे (Survey) का कार्य पूरा भी हो चुका है.
उत्तर प्रदेश में रिवैम्पड विद्युत सुधार योजना के तहत पुरानी और जर्जर लाइन के अलावा विद्युत पोल को बदलने के साथ ही जिन मजरों तक बिजली नहीं पहुंची है वहां पहुंचाने का काम किया जाएगा. खुले तारों को एबी केबलिंग में बदलने के साथ ही ट्रांसफार्मर को जलने से बचाने के लिए इसमें फ्यूज लगाने और अतिभारित ट्रांसफार्मर व फीडर की क्षमता वृद्धि करने का कार्य इस योजना के तहत होना है. मौजूदा ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता बढ़ाने, नए ट्रांसफॉर्मर लगाने, नए बिजली उपकेंद्रों (Substations) के निर्माण एवं क्षमतावृद्धि के साथ नई एलटी लाइन, आर्मर्ड केबलिंग, एबी केबिलिंग की जाएगी. बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के साथ ही इस योजना के तहत सभी मजरों, गांवों, नगरों और महानगरों में 24 घंटे बिजली सप्लाई (Power Supply) का लक्ष्य (Target) रखा गया है.
रिवैम्पड योजना के तहत बिजली विभाग में व्यापक बदलाव के ब्लू प्रिंट (Blue Print) पर काम होना शुरू हो चुका है. लॉस रिडक्शन पर फोकस करते हुए प्रदेश में कुल 29 पैकेजों में कार्य कराया जाना प्रस्तावित है.
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