Manipur Violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन एन सिंह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. मुख्यमंत्री के इस ऐलान के साथ ही उनके इस्तीफे को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग गया है. इसके पहले ये कहा जा रहा था कि उन्होंने अपना इस्तीफा टाइप कर लिया था. इसके पहले बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के काफिले को राजभवन की ओर बढ़ने से रोक दिया था, जिसके बाद काफी देर तक अजीबोगरीब स्थिति बनी हुई थी. इस दौरान उन्होंने महिला प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. एन बीरेन सिंह ने बाद में एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ऐसे संकट के समय में मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा.’’
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाली महिला नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास से बाहर आकर लोगों को आश्वासन दिया था कि सिंह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. अपुष्ट खबरों में कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री ने इस्तीफा टाइप कर लिया था, लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें इसे फाड़ने के लिए राजी कर लिया. कुछ महिला प्रदर्शनकारियों का ये भी दावा है कि उन्होंने फटा हुआ पत्र देखा है और सोशल मीडिया पर इसकी प्रतियां भी पोस्ट की हैं.
हालांकि, सीएम ऑफिस की तरफ से इन अटकलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. इससे पहले दोपहर में महिलाएं और काले शर्ट में सैकड़ों युवा मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गए और मांग करने लगे कि बीरेन सिंह को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. इंफाल में ऐसी अफवाहें जोरों पर थीं कि बीरेन सिंह गुरुवार को राज्य में फिर से हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं.
बता दें कि गुरुवार को हुई हिंसा की घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के कंगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों और संदिग्ध दंगाइयों के बीच गोलीबारी में घायल हुए एक और व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिससे घटना में जान गंवाने वालों लोगों की कुल संख्या शुक्रवार को बढ़कर तीन हो गई. हथियारों से लैस दंगाइयों ने गुरुवार को हरओठेल गांव में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की थी. सेना ने कहा कि सुरक्षा बलों के जवानों ने स्थिति से निपटने के लिए उचित तरीके से जवाबी कार्रवाई की.
ये भी पढ़ें: MP News: “मेरा घर बिकाऊ है”- किसके खौफ से इंदौर में पलायन के लिए मजबूर हैं लोग?
अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार को मारे गए दो दंगाई जिस समुदाय के थे, उसके सदस्यों ने उनके शव के साथ मुख्यमंत्री सिंह के आवास तक जुलूस निकालने की कोशिश की. अधिकारियों के मुताबिक, महिलाओं के नेतृत्व में सीएम के आवास की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी पुलिस की आवाजाही को बाधित करने के लिए सड़क के बीच में टायर जलाते हुए भी देखे गए.
अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षाकर्मियों ने जब प्रदर्शनकारियों को सिंह के आवास तक मार्च करने से रोका, तो वे हिंसक हो गए, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा. गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
-भारत एक्सप्रेस
RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…
गुयाना से भारत लौटने के बाद पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट…
महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…
पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…
देश के विभिन्न राज्यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…
एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…