UP Assembly Winter Session: यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 नवंबर यानी मंगलवार से शुरू हो गया है. चार दिन चलने वाले इस सत्र में सपा विधायक आक्रामक दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि इस बार सदन में मोबाइल फोन और पोस्टर ले जाना बैन कर दिया गया है. इस पर सपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए नई तरकीब निकाली और काले कपड़े पहनकर शीतकालीन सत्र में पहुंचे. इसको लेकर सपा नेताओं ने कहा कि सदन में मोबाइल और पोस्टर बैनर बैन कर दिया है. ऐसे में अब प्रदर्शन का यही तरीका बचा है.
तो दूसरी ओर अखिलेश से लेकर शिवपाल तक लगातार सरकार का विरोध कर रहे हैं. काले परिधानों में पहुंचे सपा नेताओं की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें सपा विधायक अतुल प्रधान, राकेश प्रताप सिंह समेत कई नेता दिखाई दे रहे हैं. कोई काली शॉल तो कोई काली सदरी में नजर आ रहा है. तो वहीं, कुछ नेता पूरे के पूरे काले ड्रेस में पहुंचे हैं. बता दें कि सदन में नया नियम लागू किया गया है. सदन में विरोध के लिए बैनर-पोस्टर, काले झंडे दिखाना बैन कर दिया गया है. इसके बाद विरोध के लिए सपा नेताओं ने ये नया तरीका निकाला है, जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है. बता दें कि विधानसभा का ये शीतकालीन सत्र नई नियमावली के साथ शुरू हो रहा है. तो वहीं काले कपड़े पहनकर योगी सरकार का विरोध कर रहे सपा नेताओं ने जमकर योगी सरकार को घेरा है और महंगाई, बेरोजगारी पर भी निशाना साधा है. कुल मिलाकर सदन में दोनों ही पार्टी आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं.
तो वहीं विधानसभा में बोलते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि सत्ता पक्ष विपक्ष का सामना नहीं करना चाहता है. इसलिए सेशन कम समय का रखा है. इसे छोटा किया गया है. हम काले कपड़े पहनकर सरकार का विरोध कर रहे हैं. इसी के साथ अखिलेश ने ये भी कहा है कि “हम काले कपड़े पहनकर नई नियमावली का विरोध कर रहे हैं क्योंकि ये लोग लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं. तानाशाही हो रही है.” तो वहीं सदन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक शिवपाल सिंह यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर योगी सरकार पर निशाना साधा था और आरोप लगाते हुए कहा था कि योगी सरकार संवाद नहीं चाहती. इसी के साथ योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बिजली, पानी, सड़क, खेती-किसानी और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार असफल हुई है. अब इतनी निःशब्द है कि सदन में भी संवाद नहीं करना चाहती. सदन चलाने से भागती यह भाजपा सरकार.
-भारत एक्सप्रेस
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