Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक कॉलेज का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि लड़कियां बुर्का पहनकर रैंप वॉक कर रही हैं. इस वीडियो को लेकर विरोध के स्वर मुखर हुए हैं और जमीयत के मौलाना मुकर्रम कासमी ने इसे गलत बताया है, वहीं कॉलेज की छात्राओं ने कहा है कि यह कोई गलत काम नहीं है. इसी के साथ छात्राओं ने अपने तर्क भी रखे हैं. बता दें, यह रैंप वॉक रविवार को आयोजित हुआ था, जिसमें फिल्म अभिनेत्री मंदाकिनी ने भी हिस्सा लिया था.
बता दें कि जिले के श्रीराम कॉलेज में फैशन शो का आयोजन किया गया था, जिसमें छात्राओं ने बुर्का पहन पर रैंप वॉक किया और फिर इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो सामने आने के बाद ही जमीयत उलेमा ने इसका घोर विरोध शुरू कर दिया है. जमीयत के मौलाना मुकर्रम कासमी ने इस कार्यक्रम को गलत ठहराया है और कहा है कि इससे मुस्लिमों समाज की भावनाओं को भड़काने का काम किया गया है. उन्होंने ये बात साफ की है कि बुर्का किसी फैशन शो का हिस्सा नहीं है. इसी के साथ मौलाना ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यह एक मजहब को टारगेट करने वाली बात है. ऐसा करके कहीं ना कहीं मुसलमान समाज और उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है. इसी के साथ कार्रवाई की मांग की है तो वहीं रैंप वॉक करने वाली मुसलमान लड़कियों ने कहा कि ये तो एक क्रिएटिविटी और अलग सी एक्टिविटी है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. बुर्का पहनकर रैंप पर कैटवॉक करने वाली छात्रा अलीना ने कहा कि हमारे मनोज सर कहते हैं कि यहां कॉलेज में आकर नई-नई क्रिएटिविटी करो, जिसके चलते हम शॉर्ट ड्रेस बना रहे थे. छात्रा ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि फिर हमने सोचा कि हमारा मुस्लिम समाज है. हम मुस्लिम समाज की युवतियों के लिए कुछ नया करें. इसलिए हमने बुर्का पहन कर रैंपवॉक करने की योजना बनाई. छात्रा ने कहा कि, हमने कुछ गलत नहीं किया. हमारा मानना है कि बुर्के को भी फैशन शो में लाना चाहिए. ये नहीं कि इसे सिर्फ घर पर ही पहने रखें
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दूसरी ओर रैंप वॉक करवाने वाले टीचर मनोज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुस्लिम परिवारों में कहीं ना कहीं यह रहता है कि महिलाओं को आगे नहीं आना है और हिजाब मुस्लिम महिलाओं का पर्दा है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इसे बस घर में ही पहना जाए. महिलाएं बाहर भी बुर्का पहन कर घूमती हैं. तो भला बुर्के में रैंप वॉक करना कहां से गलत हो गया. शिक्षक ने ये भी कहा कि बाहरी देशों में तो हिजाब के स्पेशलिस्ट डिजाइनर होते हैं. उसके विज्ञापनों के लिए भी तो महिलाएं फोटोशूट करवाती हैं. तो भला रैंप पर बुर्का पहन कर छात्राओं ने रैंप वॉक कर लिया तो भला क्या गलत कर दिया?
-भारत एक्सप्रेस
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