Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. यहां दारोगा से सांठगांठ कर गोकशी का आधार बनाकर बजरंग दल के कथित नेताओं ने छजलैट थानाध्यक्ष सत्येंद्र शर्मा को हटवाने के लिए बड़ी साजिश रच डाली, जिसका खुलासा पुलिस ने किया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने थानाध्यक्ष को हटवाने के लिए दो बार गोकशी कराकर कांवड़ मार्ग पर गोवंश के अवशेष रखवाए और इसी के साथ ही थानाध्यक्ष पर गोकशी करने वालों से मिले होने का आरोप तक लगा दिया. यही नहीं इसी आरोप को हवा देने के लिए थाना और कांठ तहसील में लगातार धरना-प्रदर्शन भी करते रहे तो दूसरी ओर पुलिस इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए सबूत इकठ्ठे करती रही और बुधवार को इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है. इसी के साथ ही पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और इन लोगों की मदद करने वाले दारोगा नरेंद्र कुमार को भी एसएसपी ने निलंबित कर दिया है.
बता दें कि इस पूरी साजिश से एसएसपी हेमराज मीना ने पर्दा उठाया है और उन्होंने घटना और साजिशकर्ताओं को सार्वजनिक कर दिया है. पूरी घटना का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि मोनू विश्नोई उर्फ सुमित, राजीव चौधरी, रमन चौधरी, शाहबुद्दीन, जमशेद और नईम ने मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया है. उन्होंने आगे बताया कि, इनमें पुलिस ने मोनू, राजीव, रमन व शाहबुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि जमशेद व नईम अभी फरार है. गिरफ्तार चारों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, जिसकी पुलिस के पास वीडियो रिकॉर्डिंग भी है.
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एसएसपी ने आगे बताया कि, कांठ थाना क्षेत्र के रसूलपुर गुज्जर गांव निवासी मोनू विश्नोई खुद को बजरंग दल का जिला प्रमुख बताता है और कहता है कि वह 2011 से संगठन से जुड़ा है. तो वहीं छजलैट थाने के गांव चक पचोकरा के राजीव चौधरी के पास बजरंग दल में कांठ तहसील क्षेत्र के प्रखंड अध्यक्ष का दायित्व है. तो दूसरी ओर छजलैट के खानपुर का रमन चौधरी खुद को बजरंग दल का कार्यकारी सदस्य बताता है. एसएसपी ने बताया कि, इन तीनों नेताओं ने चेतरामपुर के शाहबुद्दीन के साथ मिलकर पूरी घटना को लेकर साजिश रची. पहले इन लोगों ने 16 जनवरी को समदपुर चौराहा के पास कांवड़ पथ पर मवेशी के अवशेष रखवाए. इसके बाद इस पूरी घटना को लेकर थानाध्यक्ष पर आरोप लगाया और थाने का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया. 28 जनवरी को फिर कथित नेताओं के कहने पर शाहबुद्दीन व जमशेद ने चेतरामपुर में रात को विमला देवी की गाय चोरी की और गोकशी कराई. इसके बाद आरोप लगाते हुए तहसील कांठ और थाने का घेराव किया.
इस पूरी घटना में गोकशी क्यों की गई, इसको लेकर एसएसपी ने बताया कि 15 दिन पहले करीब 32 भैंसा पकड़े गए थे. इसको लेकर थानाध्यक्ष के ऊपर मोनू विश्नोई ने दबाव बनाया और अपने कार्यकर्ताओं को सभी भैंसे सौंप देने के लिए कहा, लेकिन थानाध्यक्ष ने वह मवेशी अन्य लोगों के सुपुर्द कर दिए. एसएसपी ने बताया कि मोनू लगातार थानाध्यक्ष पर गोकशी व अन्य अनैतिक कार्य कराने का दबाव बना रहा था. तो वहीं थानाध्यक्ष ने इन मामलों पर अपना सहमति नहीं दी. इसी के बाद से आरोपी लगातार थानाध्यक्ष को थाने से हटवाने की साजिश रच रहे थे. तो दूसरी ओर शाहबुद्दीन भी अपने भाई रुकसाद की मौत के बाद से ही अपने गांव चेतरामपुर के महमूद से रंजिश रखता था और शाहबुद्दीन महमूद को फंसाना चाहता था, इसलिए उसने 28 जनवरी के दिन हुई गोकशी घटनास्थल पर औजार और एक लोवर की जेब में पर्स रख दिया था, जिसमें एक फोटो व मोबाइल नंबर मिला था जो कि महमूद का था. इसी के बाद पूछताछ के दौरान एक-एक कड़ी खुलती गई और फिर पुलिस पूरी घटना की तह तक पहुंच गई.
-भारत एक्सप्रेस
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