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Madhya Pradesh: सात शावकों से गुलजार हुआ कूनो नेशनल पार्क, नामीबियाई मादा चीता ज्वाला ने 4 बच्चों को दिया जन्म

Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबियाई मादा चीता ने शावकों को जन्म दिया है. पहले कहा जा रहा था कि मादा चीता ज्वाला ने सिर्फ 3 शावकों को जन्मा है. इसके बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने इस बात की सही जानकारी देते हुए बताया कि कूनो नेशनल उद्यान में तीन नहीं, बल्कि 4 शावकों को जन्म दिया है. हाल ही में मादा चीता आशा ने भी 3 शावकों को जन्म दिया था.

4 शावकों को मादा चीता ने दिया जन्म

केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि ‘‘वन्यजीवन का अचरज़! अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले वन्यजीव योद्धा किसी तरह ज्वाला के करीब पहुंच पाए, उन्होंने पाया कि उसने तीन के बजाय चार शावकों को जन्म दिया है. इसने हमारी खुशी कई गुना बढ़ा दी है. सभी को बधाई! हम प्रार्थना करते हैं कि ये शावक भारत में अपने घर में फले-फूलें और समृद्ध हों.’’ अधिकारियों के मुताबिक, ज्वाला के शावकों का जन्म 20 जनवरी को हुआ था. ज्वाला ने 10 महीने के अंतराल के बाद दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है.

ज्वाला ने पिछले साल मार्च में चार शावकों को जन्म दिया था

बता दें कि नामीबियाई मादा चीता ज्वाला ने पिछले साल मार्च में चार शावकों को जन्म दिया था. तीन शावकों ने अत्यधिक गर्मी के कारण दम तोड़ दिया, जबकि एकमात्र जीवित बचे शावक को मानवीय देखरेख में पाला जा रहा है ताकि वह भविष्य में जंगल में प्राकृतिक रूप से रह सके. 3 जनवरी को मादा चीता आशा ने 3 शावकों को जन्म दिया था. हाल में जन्मे इन शावकों के साथ कूनो राष्ट्रीय उद्यान में शावकों की संख्या आठ हो गई है, जिनमें से सात का जन्म इस महीने हुआ है.

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उद्यान में चीतों की कुल संख्या 21

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की कुल संख्या 21 (छह नर, सात मादा और आठ शावक) है. भारत की चीता परियोजना के लिए यह चीतों के लिहाज से मिला जुला महीना रहा है. जनवरी के महीने में जहां सात शावकों का जन्म हुआ तो वहीं 16 जनवरी को एक वयस्क नामीबियाई चीता शौर्य की मृत्यु भी हुई थी. पिछले साल मार्च से शौर्य समेत सात वयस्क चीतों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है. मरने वाले सात वयस्क चीतों में तीन मादा और चार नर शामिल हैं. जिनके नाम हैं, साशा, उदय, दक्ष, तेजस, सूरज, धात्री और शौर्य. छह चीतों की मौत मार्च और अगस्त 2023 के बीच छह महीने की अवधि में हुई, वहीं शौर्य की पिछले हफ्ते मौत हो गई. ज्वाला, आशा वे चीता हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत नामीबिया से भारत लाया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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