उत्तर प्रदेश में 50 हजार से अधिक आबादी वाले प्रत्येक शहर का जीआईएस बेस तैयार हो रहा है और इसके बाद इन सभी जिलों का एक मास्टर प्लान तैयार होगा, ताकि इनका विकास एक तय नीति के अनुसार हो सके. क्योंकि बिना प्लान तैयार किये हुए जो विकास होता है उसमें सुधार से ज्यादा गड़बड़ी की आशंका रहती हैं इसलिए सरकार इस विषय पर काफी गंभीर दिख रही है. उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से अतिमहत्वपूर्ण राज्य तो है ही साथ ही उत्तर प्रदेश के नगरों की तरफ ग्रामीण आबादी बहुत तेजी से शिफ्ट हो रही है. उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011 में शहरों में 31% आबादी निवास कर रही थी जो अब बढ़कर 36% हो गई है, ऐसे में नगरीय निकायों में जनता को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना बहुत बड़े चुनौती का कारण बन रहा है.
नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान द्वारा नवनियुक्त उत्तर प्रदेश पालिका (केन्द्रीयित) सेवा के अधिशासी अधिकारी/सहायक नगर आयुक्त, सहायक अभियंता (ट्रैफिक), अधिशासी अधिकारी (नगर पंचायत ) एवं राजस्व निरीक्षकों के आधारभूत प्रशिक्षण के समापन पर सोमवार को विशेष समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा सम्मिलित हुए. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव बनने से पहले दुर्गा शंकर मिश्रा देश के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं.
प्रशिक्षण के बाद सूबे के नगरीय निकायों को 5 सहायक नगर आयुक्त, 81 अधिशासी अधिकारी, 9 राजस्व निरीक्षक और 2 सहायक अभियंता (ट्रैफिक) अपनी सेवाएं देंगे.
दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि बेहतर जीवन जीने की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है ,और इस वजह से शहरों में जनसंख्या भी तेजी से बढ़ रही है. नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर उस जिले का स्थापना दिवस मनाएं. हर साल जब भी स्थापना दिवस मनाया जाए तब यह देखा जाना चाहिए कि 1 साल के अंदर जिले में कितनी प्रगति की और भविष्य की क्या संभावनाएं हैं? उन्होंने कहा कि देश में इस समय बदलाव की लहर चल रही है हर इंसान तरक्की करना चाहता है और इसी वजह से वह शहर की ओर आ रहा है. शहर ही आर्थिक विकास का मुख्य आधार है और ग्रामीण क्षेत्र उत्पादन का आधार है. शहर में शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन से लेकर हर प्रकार की सुख सुविधाएं पानी, बिजली, गैस, मकान उपलब्ध हैं, इसलिए लोग यहां आना चाहते हैं और हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहरों को साफ सुथरा और हर दृष्टिकोण से बेहतर बनाएं.
मुख्य सचिव ने नवनियुक्त अधिकारियों को सीख दी कि उनके अंदर सीखने की भूख कभी कम नहीं होनी चाहिए. अपने उदाहरण देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि आज भी वह 40 साल की नौकरी करने के बाद हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखते हैं. मुख्य सचिव ने नवनियुक्त अफसरों से यह भी आह्वान किया कि उनका यह दायित्व है कि वह जहां पर अब नियुक्त हुए हैं उसमें पूरा मन लगाकर कार्य करें.
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नगरीय प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों में आए बदलाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पहले नगरीय निकायों में नाली सफाई, सड़क की सफाई मच्छरों की रोकथाम, त्योहारों पर ड्यूटी जैसा काम होता है परंतु आज के हमारे नगरीय प्रशासन से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एयर क्वालिटी कंट्रोल जैसी उम्मीदें की जाती हैं इसलिए, इस प्रशिक्षण की आवश्यकता थी.
अमृत अभिजात ने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है. फील्ड पर जिंदगी की राह आसान नहीं मिलेगी, काफी चुनौतियां हैं लेकिन आप चुनकर आए हैं और आप भाग्यशाली हैं कि आपको एक अच्छी मर्यादित जिम्मेदारी मिली है.
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट प्रदर्शन करना है, मेरी इच्छा यह है कि प्रशिक्षण लेने वाले आप नवनियुक्त अधिकारियों का नगरीय निकाय देश के टॉप 100 शहरों में जगह बनाएं. नगरीय निकाय को सशक्त होना है तो टैक्स की वसूली पर ध्यान देना है, टैक्स की व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा.
निदेशक नगरीय निकाय नेहा शर्मा जी ने कहा कि नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान का पहला बैच है जिसे आधारभूत प्रशिक्षण को प्राप्त करने का अवसर मिला है. सभी अधिकारियों को चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ उनकी क्षमता के अनुसार कार्य करने, दक्षता प्रबंधन और तकनीकी रूप से दक्ष बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षुओं को क्लासरूम से लेकर फील्ड में कार्य करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई ताकि वह जाकर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें.
बकौल नेहा शर्मा, नवनियुक्त अधिकारियों ने मॉक सर्वेक्षण की मूल्यांकन रिपोर्ट भी तैयार की. इससे उन्हें स्वच्छ सर्वेक्षण को समझने और अपनी निकाय को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात और सचिव रंजन कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षुओं को सम्मानित भी किया. आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर देवकीनन्दन, शीलू अवस्थी व अनवर को बेस्ट ट्रेनीज अवार्ड से सम्मानित किया गया तो वहीं, मॉक सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अभिनव श्रीवास्तव, दिनेश कुमार, संदीप सारस्वत, आरती साहू, प्रियंका और सौरभ नाथ को बेस्ट परफॉर्मर अवार्ड से नवाजा गया.
-भारत एक्सप्रेस
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