UP News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के हरबंशपुर में स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है. छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के मामले में स्कूल को कारण बताओ नोटिस तो जारी ही किया गया है, साथ ही जिला प्रशासन ने स्कूल बंद करने का भी आदेश दे दिया है. स्कूल को लेकर खबर सामने आ रही है कि, जांच के दौरान स्कूल में कक्षा 8 तक की ही मान्यता पाई गई है, जबकि स्कूल में कक्षा 9 से 12 तक भी क्लासेस संचालित हो रही थी.
मालूम हो कि स्कूल में 31 जुलाई को बड़ी घटना हुई थी. स्कूल की तीसरी मंजिल से कक्षा-11 की छात्रा श्रेया तिवारी की गिरकर मौत हो गई थी. इस घटना के बाद जमकर हंगामा हुआ था और इसको लेकर स्कूल प्रशासन पर मृतका के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था. मृतका के परिजनों ने मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई थी और इसी के बाद ये स्कूल चर्चा में आ गया था. परिजनों ने प्रिंसिपल के साथ ही क्लास टीचर पर भी मामला दर्ज करवाया था. इस पर पुलिस ने मामले की छानबीन के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हालांकि विवेचना के दौरान कुछ धाराएं हटा देने की बात भी सामने आई हैं, वहीं कोर्ट से प्रिंसिपल और टीचर को जमानत मिल गई है.
इस पूरे मामले को लेकर प्रिंसिपल और टीचर ने बताया था कि रूटीन चेकिंग के दौरान छात्रा के बैग से मोबाइल फोन मिला था, इसी के बाद उसे डांटा गया था. इस पर नाराज होकर छात्रा ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. बता दें कि इस घटना के बाद मामला इतना बढ़ा था कि, स्कूल और पैरेंट्स एसोसिएशन आमने-सामने आ गए थे और फिर अपनी-अपनी बात मनवाने के लिए हफ्तों धरना प्रदर्शन चला था.
बता दें कि छात्रा की मौत के बाद आजमगढ़ जिलाधिकारी ने जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया था. इसी टीम की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें खुलासा हुआ है कि, स्कूल की मान्यता नर्सरी से कक्षा 8 तक ही है लेकिन कक्षा-9 और 12 तक की कक्षाएं भी संचालित हो रही थी. इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ने कारण बताओ नोटिस जो जारी किया ही है, साथ ही स्कूल को तत्काल बंद किए जाने का आदेश भी दे दिया है. इस सम्बंध में डीआईओएस ने बताया कि, छात्रा की मौत के बाद स्कूल की जांच में पाया गया है कि, स्कूल में मान्यता नर्सरी से कक्षा 8 तक ही थी लेकिन संचालित कक्षा 12 तक हो रहा था. इसी के साथ उन्होंने निर्देश दिया है कि जो भी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं वो कहीं अन्य स्कूल में अपना दाखिला करा लें. बच्चों को एक महीने का समय दिया गया है. इसके बाद स्कूल को बंद करने के निर्देश दिए गए है. अगर स्कूल बंद नहीं किया जाता है तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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