प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय विश्वविद्यालयों की QS World University Ranking में सुधार पर खुशी जताई है. उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई देने के साथ ही अपने नए कार्यकाल की योजना के बारे में भी बताया है.
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘पिछले एक दशक में हमने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बदलाव पर फोकस किया है. क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में यह नजर आया है. उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के लिए छात्र, फैकल्टी और संस्थान प्रशंसा के पात्र हैं. इस कार्यकाल में हम Research एवं Innovation को बढ़ावा देने के लिए और काम करना चाहते हैं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात QS Quacquarelli Symonds Ltd के सीईओ और प्रबंध निदेशक नुन्ज़ियो क्वाक्वेरेली (Nunzio Quacquarelli) के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही.
Nunzio Quacquarelli ने अपने ट्वीट में कहा है, ‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन में निरंतर सुधार देखा गया है. 2015 में 11 की तुलना में इस बार 46 संस्थान शामिल हुए हैं, जो 10 वर्षों में 318% की वृद्धि है और जो जी-20 देशों में सर्वश्रेष्ठ है.’
बीते बुधवार (5 जून) को जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 के अनुसार, Indian Institutes of Technology (IITs) बॉम्बे और दिल्ली दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में शामिल हैं.
लंदन स्थित उच्च शिक्षा विश्लेषक क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित रैंकिंग के अनुसार, आईआईटी बॉम्बे पिछले वर्ष के 149वें स्थान से 31 रैंक ऊपर चढ़कर 118वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि आईआईटी दिल्ली ने 47 अंकों का सुधार करते हुए विश्व स्तर पर 150वां स्थान प्राप्त किया है.
कुल मिलाकर, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने QS रैंकिंग में 13वीं बार वैश्विक स्तर पर शीर्ष स्थान बरकरार रखा है.
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) अपने स्नातकों की रोजगार दिलाने की क्षमता के लिए सबसे आगे रहा और एंप्लॉयमेंट आउटकम की श्रेणी में वैश्विक स्तर पर 44वें स्थान पर रहा.
46 रैंक वाले विश्वविद्यालयों के साथ भारत एशिया में जापान (49 विश्वविद्यालय) और चीन (Mainland) (71 विश्वविद्यालय) के बाद तीसरे स्थान पर है.
बयान के अनुसार, 61% भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में उछाल आया है, 24% ने अपनी स्थिति बरकरार रखी है, 9% की रैंकिंग में गिरावट आई है और तीन विश्वविद्यालयों ने रैंकिंग में एंट्री ली है. 37 भारतीय विश्वविद्यालयों ने Citations per Faculty में बेहतर प्रदर्शन दिखाया है, जो रिसर्च के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है.
हालांकि भारतीय विश्वविद्यालय अभी भी अंतरराष्ट्रीयकरण और वैश्विक जुड़ाव के मामले में पिछड़े हुए हैं. क्यूएस ने कहा, ‘दिल्ली विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण सुधार किया है, जो 79 स्थानों की छलांग लगाकर 328वें स्थान पर पहुंच गया है.’
-भारत एक्सप्रेस
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