अपनी शुरुआत के साथ घड़ियों ने एक लंबी विकास यात्रा तय की है. ऑटोमेटिक, एनालॉग, डिजिटल और एंड्रॉयड घड़ी के बाद अब दुनिया में एक नई घड़ी ने कदम रखा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में इस घड़ी का उद्घाटन किया था. यह घड़ी दुनिया की पहली डिजिटल वैदिक घड़ी है, जो पारंपरिक घड़ियों से पूरी तरह अलग है. खास बात यह है कि इसमें सुइयों की जगह डिजिटल डिस्प्ले है और इसका समय मापने का तरीका भी सामान्य घड़ियों से अलग है. इस घड़ी में भारतीय मानक समय (IST) और ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) के अलावा पंचांग, मुहूर्त, शुभ-अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति, पर्व और त्योहारों की जानकारी भी मिलेगी. आइए जानते हैं इस घड़ी की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं.
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी में एक घंटा 48 मिनट का होगा, जो पारंपरिक घड़ी के 60 मिनट से अलग है. यह घड़ी न केवल IST और GMT की जानकारी देगी, बल्कि इसमें अन्य महत्वपूर्ण वैदिक जानकारी जैसे मुहूर्त, ग्रह-भद्र, तिथियां, पर्व, व्रत, सूर्य और चंद्र ग्रहण की जानकारी भी शामिल होगी.
यह घड़ी पूरी दुनिया में अपनी तरह की पहली है. इसे उज्जैन में एक 85 फीट ऊंचे टावर पर स्थापित किया गया है. इस घड़ी का डिज़ाइन पूरी तरह डिजिटल है और इसमें वैदिक काल की जानकारी को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है. इसके साथ एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसे लोग अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकते हैं.
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का निर्माण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के छात्रों ने किया है. इसके ऐप को आरोह श्रीवास्तव नामक एक व्यक्ति ने विकसित किया है. इस घड़ी का निर्माण मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोहन यादव के विधायक रहते शुरू हुआ था, और अब यह एक ऐतिहासिक परियोजना बन चुकी है.
सामान्य घड़ियों में 24 घंटे होते हैं, जबकि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी में कुल 30 घंटे का समय चक्र होगा. यह घड़ी सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को प्रदर्शित करेगी, और इसमें एक घंटा 48 मिनट के बराबर होगा. यह टाइमिंग वैदिक परंपराओं के अनुरूप है, जो समय की गणना को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है.
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी इंटरनेट और जीपीएस से कनेक्टेड है, जिससे यह हमेशा अपडेट रहती है. इसके ऐप को कोई भी व्यक्ति डाउनलोड कर सकता है और इसके माध्यम से दुनिया भर की वैदिक जानकारी प्राप्त कर सकता है. घड़ी के टावर पर एक टेलिस्कोप भी लगाया गया है, जो ग्रहों और तारों के निरीक्षण के लिए उपयोगी होगा. इस घड़ी की एक और अनूठी विशेषता यह है कि यह भारत के प्रमुख मंदिरों से जुड़ी हुई है, जिससे यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
-भारत एक्सप्रेस
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