प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे याद है, महामारी के समय आप और हम चर्चा कर रहे थे और चर्चा का विषय रहता था- गेटिंग थ्रो बैक. तब मैंने आपसे कहा था कि भारत बहुत ही जल्द विकास के पथ पर दौड़ेगा. आज भारत 8 प्रतिशत की रफ्तार से ग्रो कर रहा है. आज हम सभी चर्चा कर रहे हैं- जर्नी टुवर्ड्स विकसित भारत. आज भारत, दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है और वो दिन दूर नहीं जब भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. मैं जिस बिरादरी से आता हूं, उस बिरादरी की पहचान बन गई है कि चुनाव से पहले जो बातें करते हैं, वो चुनाव के बाद भुला देते हैं, लेकिन मैं उस बिरादरी में अपवाद हूं. इसलिए मैं आपको याद दिलाता हूं कि मैंने कहा था कि मेरे तीसरे टर्म में देश, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा. भारत बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि साल 2014 में हमारी सरकार बनी तो सबसे बड़ा प्रश्न यही था कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाएं. 2014 के पहले फ्रैजाइल 5 वाली स्थिति और लाखों-करोड़ों के घोटाले के बारे में हर किसी को पता है कि हमारी अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति थी. इसकी बारीकियां सरकार ने व्हाइट पेपर जारी कर देश के सामने रख दिया. मैं अपेक्षा करता हूं कि आप जैसे लोग और संगठन उस पर जरूर अध्ययन करें. भारत और भारत की इंडस्ट्रीज को उस महासंकट से निकालकर हम इस ऊंचाई पर लाए हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “2004 में यूपीए सरकार की शुरुआत हुई और यूपीए सरकार के पहले बजट में कैपिटल एक्सपेंडेचर करीब 90 हजार करोड़ रुपए था. 10 साल सरकार चलाने के बाद यानी 2014 में यूपीए सरकार कैपिटल एक्सपेंडेचर का बजट 2 लाख करोड़ रुपये पहुंचा पाई थी. आज कैपिटल एक्सपेंडेचर का बजट 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.”
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सीआईआई सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में, 1 करोड़ रुपये कमाने वाली एमएसएमई को प्रिजम्प्टिव टैक्स देना होता था और अब 3 करोड़ कमाने वाली एमएसएमई भी इसका लाभ उठा सकती है. 2014 में, 50 करोड़ कमाने वाली एमएसएमई को 30 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स देना होता था, आज ये रेट 22 प्रतिशत है. 2014 में, कंपनियां 30 प्रतिशत निगम कर देती थीं, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए ये रेट 25 प्रतिशत है.
-भारत एक्सप्रेस
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