केंद्र सरकार (Union Govt) ने रविवार (13 अक्टूबर) को एक अधिसूचना जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) की नियुक्ति से पहले जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में राष्ट्रपति शासन (President Rule) हटा लिया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) की धारा 73 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संबंध में 31 अक्टूबर, 2019 का आदेश जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 के तहत मुख्यमंत्री की नियुक्ति से तुरंत पहले निरस्त माना जाएगा.’
साल 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे होने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था. कोविंद ने राज्य में केंद्रीय शासन लागू करने की घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे, जो जून 2018 में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के गिरने के बाद राजनीतिक संकट में घिर गया था.
1996 के बाद यह पहली बार था जब आतंकवाद प्रभावित राज्य में केंद्रीय शासन लगाया गया था. गजट अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति को तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) से एक रिपोर्ट मिली थी. इस पर विचार करने के बाद वह ‘संतुष्ट’ थे कि राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता है.
मालूम हो कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के साथ इसे केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिया था. इसके बाद से हाल ही में यहां पहला विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Election 2024) संपन्न हुआ है.
इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन ने 48 सीटें जीती है. 90 सीटों वाली विधानसभा में 42 सीटों पर जीत दर्ज कर नेशनल कॉन्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, वहीं उसके सहयोगी दल कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटों से संतोष करना पड़ा है.
29 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ भाजपा (BJP) इस केंद्र शासित प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. चुनाव में महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के हाथ सिर्फ 3 सीटें लगी हैं, जो राज्य का दर्जा खत्म होने से पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में मिलीं 28 सीटों से काफी कम है.
इसके अलावा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, आम आदमी पार्टी (AAP), माकपा (CPIM) के खाते में 1-1 सीट गईं हैं, जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है.
बीते 11 अक्टूबर को मनोनीत मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने श्रीनगर स्थित राजभवन में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उन्होंने सभी समर्थन पत्र भी उन्हें सौंपे थे. तब राजभवन ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटाने की प्रक्रिया आज (11 अक्टूबर) रात से शुरू हो गई है और इसमें 3-4 दिन का समय लगने की उम्मीद है. ये प्रक्रिया पूरी होते ही मुख्यमंत्री और उनके मंत्री शपथ लेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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