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श्रील प्रभुपाद के 150वें स्मृति महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे पीएम मोदी, जारी करेंगे डाक टिकट और सिक्के

वैष्णव धर्म तथा नाम कीर्तन परंपरा का अग्रगामी गौड़ीय मिशन अपने गुरु प्रतिष्ठाता आचार्य श्रील प्रभुपाद का 150वां स्मृति महोत्सव मना रहा है. इस अवसर पर तीन दिवसीय ‘विश्व वैष्णव सम्मेलन’ का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन की शुरुआत 6 फरवरी को होगी और 8 फरवरी को विशेष उद्धघाटन समारोह आयोजित होगा.

कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी

8 फरवरी का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में होगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, वहीं कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा इस कार्यक्रम के दूसरे सत्र में दोपहर के बाद वैष्णव विजन पर एक इंटरनेशनल सेमिनार होगा, जिसमें प्रमुख गणमान्य महानुभावों का ग्लोबल सिक्योरिटी एंड सस्टेनेबिलिटी के विषय पर उद्बोधन रहेगा.

सिक्के और डाक टिकट जारी करेंगे पीएम मोदी

कार्यक्रम के बारे में गौड़ीय मिशन के अध्यक्ष भक्ति सुंदर सन्यासी महाराज ने बताया कि गौड़ीय मिशन चैतन्य महाप्रभु के उपदेशों को समाज में फैलाने के लिये प्रारंभ हुआ, श्रील प्रभुपाद गौड़ीय मिशन के संस्थापक आचार्य थे, उन्होंने हरिनाम कीर्तन से मानव कल्याण का रास्ता जन जन तक पहुंचाया. हरे कृष्णा आंदोलन उन्हीं की देन है. उनकी 150वीं जन्म जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस कार्यक्रम में आना हम सबके लिये बहुत ही सौभाग्य की बात है, प्रधानमंत्री इस अवसर पर श्रील प्रभुपाद को समर्पित सिक्के और डाक टिकट का विमोचन भी करेंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-विदेश से वैष्णव आचार्य और साधु-संत भी आएंगे.

यह भी पढ़ें- “मोदी सरकार 3.0 में विकसित भारत की मजबूत नींव तैयार होगी”, राज्यसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर किया करारा प्रहार

तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत 6 फरवरी को मंगलाधिवास महोत्सव से होगी जिसमें जनकपुर, पहाड़गंज, करोलबाग और हौजखास के गौड़ीय मठों में संकीर्तन होगा. 7 फरवरी को विशालनगर संकीर्तन शोभायात्रा निकलेगी, जिसमें 150 मृदंग करताल के साथ हरिनाम संकीर्तन और नृत्य होगा. जिसकी शुरुआत रामलीला ग्राउंड से होगी और समाप्ति भारत मंडपम पर होगी. वहीं 8 फरवरी को मुख्य कार्यक्रम सुबह 10 बजे से भारत मंडपम में शुरू होगा और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत महानृत्य, और संगीत होगा. इसके साथ ही महाप्रसादम के साथ कार्यक्रम की समाप्ति होगी. बता दें कि भारत सरकार के माध्यम से श्रील पादप्रभु के जन्म जयंती समारोह पर गौड़ीय मिशन के प्रस्ताव को UNESCO नेअपनी स्वीकृति प्रदान की है.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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