Bharat Jodo Nyay Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कर रहे हैं भारत जोड़ो न्याय यात्रा. इसी यात्रा के दौरान आज राहुल गांधी की यात्रा अलीगढ़ पहुंची जो जमालपुर फ्लाईओवर से शुरू होकर शमशाद मार्केट होते हुए आगे गई. शमशाद मार्केट चौराहे पर राहुल गांधी ने गाड़ी रोककर आम जनता को संबोधित किया. आज यात्रा में राहुल गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थी. जहां एक ओर राहुल गांधी पूरे भारत में भारत जोड़ो यात्रा में अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आज जब उनकी यात्रा अलीगढ़ शमशाद मार्केट पहुंची तो वहां अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने पोस्टर दिखाकर राहुल गांधी से कुछ सवाल पूछने चाहे. छात्रों ने पोस्टर पर लिख रखा था कि “वी हैव ए क्वेश्चन” “We Have A Question” यानी वह राहुल गांधी से कह रहे थे कि हम आपसे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं.
राहुल गांधी अपने पूरे संबोधन में छात्रों और उनके इन पोस्टरों को नजरअंदाज करते हुए दिखाई दिए, जबकि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने छात्रों की ओर इशारा करके कहा कि राहुल गांधी अपना संबोधन पूरा करने के बाद आपके सवाल लेंगे इस पर “वी हैव ए क्वेश्चन” के नारे लगा रहे छात्र खामोश हो गए और राहुल गांधी को पूरा संबोधन करने दिया. लेकिन, संबोधन खत्म होते ही राहुल गांधी ने गाड़ी आगे बढ़वानी शुरू कर दी और सिक्योरिटी गार्ड्स ने छात्रों को धकेलना शुरू कर दिया. छात्र फिर भी सवाल पूछने की ज़िद पर अड़े रहे और बहुत मजबूर होने के बाद आखिरकार एक छात्र नेता आमिर मिंटोई को मजबूरन प्रियंका गांधी को अपने पास बुलाना पड़ा. जिस पर वह गाड़ी आगे बढ़ जाने की वजह से सही से सवाल तो नहीं पूछ सके लेकिन उन्होंने 2 साल पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार के रहते हुए करौली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के कुछ सबूत और उससे जुड़े कागजात प्रियंका गांधी को दिए जिस पर प्रियंका गांधी ने कहा कि “इस पर हम बाद में बात करेंगे” और इतना कहकर अपनी गाड़ी आगे बढ़वा दी.
छात्रों का कहना था कि राहुल गांधी मोदी जी पर बार-बार निशाना साधते हैं कि मोदी जी जनता को अपने मन की बात तो सुनाते हैं लेकिन जनता के मन की बात नहीं सुनते, वहीं दूसरी ओर खुद राहुल गांधी भी जनता के मन की बात सुनने से किनारा करते हुए नज़र आए और हमारे सवाल नहीं लिए, यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल बिल्कुल भी नहीं है. छात्रों का कहना था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रजा की बात सुनी जानी चाहिए. जब राहुल गांधी सत्ता से बाहर होते हुए जनता के सवाल नहीं ले रहे हैं तो सत्ता में आने के बाद क्या लेंगे.
छात्र नेता अमीर मिंटोई का कहना था कि 2 साल पहले कांग्रेस की राजस्थान सरकार में राजस्थान के करौली में जो हिंसा भड़की उस पर वहां के पीड़ितों को कोई इंसाफ नहीं मिला बल्कि एक तरफा कार्रवाई मुस्लिम समुदाय के लोगों पर करी गई जिनकी आबादी वाले क्षेत्र से यात्रा पहले नहीं निकलती थी बल्कि उसी साल यात्रा के नए रूट की परमिशन राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने दी थी, जिसके बाद हिंसा भड़की थी.
आमिर मिंटोई ने बताया कि उस हिंसा में लिप्त असामाजिक तत्वों के बहुत से फोटो और वीडियो वायरल थे जिनका एक डोजियर एएमयू छात्रों की टीम जो करौली दंगे के बाद वहां गई थी, उन्होंने बनाया था. वह डोजियर ही आज राहुल गांधी को देते हुए राहुल गांधी की न्याय यात्रा में कांग्रेस सरकार में होने वाले अन्याय पर सवाल करने थे लेकिन न्याय यात्रा के दौरान छात्रों के सवालों से मुंह मोड़ लेना इस बात का सबूत है कि कांग्रेस अपने लिया लिए न्याय लेना तो चाहती है लेकिन जनता को न्याय देना नहीं चाहती.
एएमयू की रेसलिंग क्लब के कप्तान पारस का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पोस्टर भी देख लिए थे और हमारी आवाज भी साफ़ सुन रहे थे लेकिन उन्होंने हम छात्रों को इग्नोर करके हमारी बेइज्जती भी करी है और मोदी जी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने पर टिप्पणी करने का अपना सारा हक खो दिया है.
छात्र नेता सलमान का कहना है कि राहुल गांधी से हमें यह उम्मीद नहीं थी, जिस तरह जनता से वार्ता न करने पर वह मोदी जी को निशाने पर लेते हैं ठीक उसी तरह आज खुद भी जनता को इग्नोर करते हुए नजर आए.
वकास जो गाड़ी के बिल्कुल करीब खड़े थे उनका कहना है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी को बताया कि छात्र खड़े हैं तो राहुल गांधी ने उनसे भी इग्नोर करने के लिए कहा.
छात्र सौरभ का कहना था कि नेता कोई भी हो किसी भी पार्टी का हो वह सिर्फ एक ही बात सुनना चाहता है कि “बागों में बाहर है”, जनता के मसले और उनसे जुड़े सवाल सुन्ना ही नहीं चाहता चाहे सत्ताधारी नेता हो और चाहे विपक्ष का नेता हो, राहुल गांधी ने अपने छोटे कृत्य से आज यह साबित कर दिया.
छात्र मोहम्मद नदीम का कहना था कि यह कैसी न्याय यात्रा है जिसमें जनता की आवाज को सुना ही नहीं जा रहा, जब जनता की आवाज को सुनाई ही नहीं जाएगा तो न्याय कैसे दिया जाएगा?
इस मौके पर वकास, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद आरिफ, राहुल, सलमान, सौरभ, अजीम, पारस, वारिस, नदीम, गुलाम आदि छात्र मौजूद रहे.
-भारत एक्सप्रेस
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