राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी हैं, ऐसे में सभी पार्टियां जनता को लुभाने के लिए तमाम वादे और दावे कर रही हैं. इसी बीच अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा चुनावी दांव खेला है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओबीसी को मिलने वाले 21 फीसदी आरक्षण के अलावा उन्हें 6 प्रतिशत अलग से आरक्षण देने की घोषणा की है. इसकी जानकारी सीएम ने खुद X पर पोस्ट करते हुए दी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि “राजस्थान में वर्तमान में जारी अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए 21% आरक्षण के साथ 6% अतिरिक्त आरक्षण दिया जाएगा जो OBC वर्ग की अति पिछड़ी जातियों के लिए रिजर्व होगा. OBC वर्ग में अति पिछड़ी जातियों की पहचान के लिए OBC आयोग द्वारा सर्वे किया जाएगा एवं आयोग समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगा. इससे अति पिछड़ी जातियों को शिक्षा एवं सरकारी क्षेत्र में सेवा के अधिक मौके मिल सकेंगे.
SC-ST के विभिन्न संगठन भी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग लगातार कर रहे हैं। सरकार इस मांग का भी परीक्षण करवा रही है. EWS वर्ग के 10% आरक्षण में राजस्थान सरकार ने अचल संपत्ति की शर्त को हटाया था जिससे इस वर्ग को भी आरक्षण का लाभ पूरी तरह मिलना सुनिश्चित हो सका.”
सियासी जानकारों का मानना है कि अशोक गहलोत ने पिछड़ा वर्ग के वोटर्स को साधने के लिए चुनाव से ठीक पहले आरक्षण का पासा फेंककर बड़ा दांव चल दिया है. पिछड़ा वर्ग आरक्षण की मांग पिछले काफी समय से कर रहा था. जिसको लेकर कांग्रेस के कई नेता भी आरक्षण को 27 फीसदी किए जाने के पक्ष में आवाज उठा चुके थे. अशोक गहलोत के इस कदम से विपक्ष यानी कि बीजेपी को बड़ा डेंट लग सकता है. जातीय समीकरण को बैठाने में कांग्रेस ने कहीं न कहीं पहली बाजी मार ली है.
-भारत एक्सप्रेस
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