ऑनलाइन गेमिंग के जरिए धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने इस रैकेट के मास्टरमाइंड शाहनवाज खान उर्फ बद्दो को मुंबई के अलीबाग से गिरफ्तार किया है. गाजियाबाद पुलिस ने इससे पहले मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था. धर्मांतरण के इस गिरोह का खुलासा होने के बाद कई सारे सवाल लोगों के दिमाग में आ रहे हैं. आखिर किस तरह से ये गिरोह हिंदू बच्चों को अपना शिकार बना रहा था, कैसे इसके बारे में जानकारी सामने आई और पुलिस ने पर्दाफाश किया.
दरअसल, धर्मांतरण के इस खेल का पर्दाफाश उस समय हुआ, जब एक जैन परिवार के बच्चे के धर्मांतरण की शिकायत उसके पिता ने पुलिस थाने में की. बच्चे के पिता ने शिकायत में कहा था कि उनका बेटा नमाज पढ़ता है, इससे पहले वो घर से जिम जाने की बात कहकर निकलता था और मस्जिद पहुंच जाता था. जहां वो नमाज पढ़ता था. जब मना किया गया तो उसने कहा कि अगर घर से निकाल दोगे तो मस्जिद में रह लूंगा. जिसके बाद शिकायत दर्ज कराई गई.
गाजियाबाद के कविनगर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में मौलवी अब्दुल रहमान और शाहनवाज उर्फ बद्दो पर जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया गया. जिसमें कहा गया कि उनका बेटा ऑनलाइन गेम के जरिए मुंबई के रहने वाले बद्दो के संपर्क में आया था. इसके बाद उनके बेटे का इस्लाम की तरफ झुकाव हो गया और मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने लगा. बच्चे से पूछने पर उसने बताया कि बद्दो के कहने पर उसने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया.
कविनगर थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू की. जिसमें पुलिस ने सबसे पहले मस्जिद के मौलाना अब्दुल रहमान को संजय नगर से गिरफ्तार किया, लेकिन शाहनवाज खान उर्फ बद्दो को भनक लगते ही फरार हो गया. पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि शाहनवाज सबसे पहले अपनी मां और भाइयों के साथ सोलापुर छोड़कर गायब हो गया. जिसके बाद पुलिस ने उसके रिश्तेदारों से पूछताछ और कॉल डिटेल के जरिए शाहनवाज की लोकेशन ट्रेस की. पुलिस को शाहनवाज के मुंबई के वर्ली में होने की लोकेशन मिली, जब पुलिस वहां पहुंची तो शाहनवाज वहां से फरार हो गया. बाद में बद्दो की अलीबाग में होने की जानकारी पुलिस को मिली. जिसे पुलिस ने चेकिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल, ये गिरोह धर्मांतरण कराने के लिए तीन स्टेप में काम कर रहा था. जिसमें पहले स्टेप में बच्चों के साथ ऑनलाइन गेम खेला जाता था. इसके बाद गेमिंग एप के जरिए बच्चों से बातचीत शुरू की जाती थी. साथ ही इस दौरान इस्लाम से जुड़े फायदे और खूबियों को गिनाया जाता था. ये सारा खेल हिंदू नाम से बनी आईडी के जरिए किया जाता था. बच्चों को फोर्टनाइट खेलने के लिए मोटिवेट किया जाता था. जिसमें अगर बच्चा हार जाता था तो आगे के स्टेप फॉलो करने के लिए दबाव बनाया जाता था. जिसमें कुरान की आयतों को ये कहकर पढ़ाया जाता था कि अगर इसे पढ़ोगे तो गेम जीत जाओगे. धीरे-धीरे बच्चे इस्लाम धर्म की तरफ आकर्षित होने लगते थे. दूसरे स्टेप में बच्चों को Discord एप के जरिए इस्लाम से जुड़ी जानकारियां दी जाती थीं. बाद में जाकिर नाईक और तारिक जमील के वीडियो को दिखाकर उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए बहकाया जाता था. तमाम तरीके के लालच बच्चों को दिए जाते थे.
जब बच्चों का पूरी तरह से ब्रेनवॉश कर दिया जाता था और बच्चे इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए राजी हो जाते थे, तो अंत में बच्चों से एक एफिडेविट पर लिखवा लिया जाता था कि वे अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबूल कर रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि इस ऑनलाइन गेम के जरिए करीब 400 बच्चों को इस जाल में फंसाया गया है. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि बच्चों को धर्मांतरण के बाद दुबई ले जाने की तैयारी थी. फिलहाल पुलिस मामले की गहनता से जांच-पड़ताल कर रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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