देश

Road Accidents Report: दिल्ली में रात के इस समय सड़क हादसों में होती हैं सबसे ज्यादा मौतें, पैदल चलने वाले आते हैं जद में

दिल्ली में हर दिन कम से कम चार लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है, जिनमें से अधिकांश हादसे रोके जा सकते थे. यह जानकारी खुद दिल्ली सरकार ने साझा की है. हाल ही में परिवहन विभाग ने 2022 में हुए सड़क दुर्घटनाओं पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि साल 2022 में सड़क हादसों में मरने वालों में सबसे ज्यादा (50 प्रतिशत) पैदल यात्री थे. इसके अलावा, 45 प्रतिशत मौतें दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों के ड्राइवर और यात्रियों की हुईं.

सबसे ज्यादा पैदल चलने वालों की मौत

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने इस डेटा को हाल ही में सार्वजनिक किया है. रिपोर्ट में बताया गया कि 2022 में 1,517 घातक दुर्घटनाओं में 1,571 लोगों की जान गई, जो 2021 के मुकाबले 28 प्रतिशत अधिक है. इन मौतों में 97 प्रतिशत पीड़ित पैदल यात्री, मोटरसाइकिल चालक, साइकिल चालक और ऑटो रिक्शा ड्राइवर (मोटर और इलेक्ट्रिक दोनों) शामिल थे. यह आंकड़ा देशभर में हुए सड़क हादसों (औसतन 70.8 प्रतिशत) से भी अधिक है. रिपोर्ट से यह भी पता चला कि सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में 89 प्रतिशत पुरुष और 11 प्रतिशत महिलाएं थीं. सबसे ज्यादा मौतें 30 से 39 साल की आयु वर्ग के लोगों में दर्ज की गईं.

इतने समय होती हैं सबसे ज्यादा मौतें

सड़क दुर्घटनाओं का समय भी रिपोर्ट में उल्लेखित है, जिसके अनुसार रात 9 बजे से सुबह 2 बजे के बीच हुए हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं. ऐसा रात में और तड़के सुबह तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण होता है, इस समय ‘हिट एंड रन’ की घटनाएं भी अधिक होती हैं. 2022 में हुए सड़क हादसों में 59 प्रतिशत मामले ‘हिट एंड रन’ के थे. इन मामलों में 57 प्रतिशत पीड़ित पैदल यात्री और 33 प्रतिशत मोटरसाइकिल चालक थे. टक्कर के अधिकतर मामलों में भारी वाहन और हल्के मोटर वाहन (LMV) जिम्मेदार पाए गए हैं. इसके अलावा साल 2022 में शनिवार, रविवार और सोमवार को सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए, जिनमें जान गंवाने वालों की संख्या भी अधिक थी.

रिपोर्ट में कुछ सुधारात्मक उपायों का सुझाव दिया गया है, जैसे कि अधिक फुटपाथ, ऊंचे क्रॉसवॉक, और लगातार सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धता शामिल है. साथ ही तेज गति से वाहन चलाना, बिना हेलमेट, नशे में ड्राइविंग, और सीट बेल्ट न पहनने वालों की पहचान कर, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. इन उपायों से सड़क हादसों के जोखिम को कम किया जा सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

Recent Posts

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन अशोक पी. हिंदुजा ने की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

केंद्रीय मंत्री खट्टर ने भारत के बिजली और आवास क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए…

26 mins ago

चुनावी सभा से लौटे योगी तो कसे अफसरों के पेंच, कहा- जनहित के लिए बजट की कमी नहीं, परियोजनाओं को समय पर पूरा करें: मुख्यमंत्री

 चुनावी अभियान से वापस लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में…

3 hours ago

लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, कई दिनों से AIIMS में चल रहा था इलाज

लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया. उन्होंने 72 वर्ष…

3 hours ago

सुनवाई में बाधा डाल रहे वकील को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश, अब अगली Hearing पर करना होगा ये काम

दिल्ली हाईकोर्ट ने कई चेतावनी के बावजूद सुनवाई में बाधा डालने को लेकर एक वकील…

3 hours ago

Rau’s Coaching case: फुटेज और सेटेलाइट इमेज सुरक्षित रखने की मांग, कोर्ट ने CBI को दिए ये निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई से राजेन्द्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी…

3 hours ago