Delhi News: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र कोचिंग सेंटर हादसे के दौरान 3 छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार बेसमेंट के सह मालिकों की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि उस इलाके में जलभराव के प्राथमिक कारणों और उस दिन की बारिश के आंकड़ों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें. इससे पहले जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा था कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि मौजूदा मामला कोई साधारण मामला नहीं है. जिन छात्रों की मौत हुई है उसमें उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और नेविन डेलविन शामिल है.
सीबीआई कर रही मामले की जांच
23 अगस्त को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चारों की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था. अब सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जांच अभी शुरुआती दौर में है. इसलिए अभी जमानत देना सही नही होगा. सीबीआई ने चारों आरोपियों परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध किया था.
बेसमेंट अवैध तरीके से बनी हुई थी
सीबीआई ने कहा था कि बेसमेंट ही अवैध तरीके से बनी हुई थी. वही सह मालिकों की ओर से पेश वकील ने कहा था कि तीनों छात्रों की मौत एक दैवीय घटना थी, नगर निगम ने अगर अपने कर्तव्यों का पालन किया होता तो इसे टाला जा सकता था.
बेसमेंट में पहले पुस्तकालय नहीं था
अधिवक्ता ने दलील दी थी कि बेसमेंट में पहले पुस्तकालय नहीं था, बल्कि छात्रों के लिए कक्षाएं शुरू होने से पहले वाला एक प्रतीक्षा क्षेत्र था. उन्होंने दावा किया था कि घटना से कुछ दिन पहले परिसर में अग्निशमन विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया था, जिसमें बताया गया था कि बेसमेंट का उपयोग भंडारण कक्ष के तौर पर किया जा रहा था और भवन सुरक्षित था तथा शैक्षणिक केंद्र चलाने के लिए उपयुक्त था.
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था. इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने सभी चारों अभियुक्तों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी थी. जिसके बाद सभी चारों ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया था. इससे पहले तीस हजारी कोर्ट के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सभी सह मालिकों को जमानत देने से इंकार कर दिया था.
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