मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन (Raisen) जिले में पाकिस्तान जिंदाबाद (Pakistan Zindabad) के नारे लगाने वाले एक आरोपी को ‘भारत माता की जय’ (Bharat Mata Ki Jai) बोलने की सजा मिली है. रायसेन के रहने वाले फैजान (Faizan) ने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए थे. इस मामले में 17 मई 2024 को भोपाल (Bhopal) के मिसरोद थाने में एफआईआर दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था. तब से वह हिरासत में ही था.
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि आरोपी का इरादा ‘विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना था और उसका कृत्य सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक है’. अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि उनके पास आरोपी द्वारा नारे लगाते हुए एक वीडियो है, लेकिन वीडियो अदालत के समक्ष पेश नहीं किए जाने के कारण जमानत की सुनवाई में कई महीनों की देरी हो गई थी.
जांच के बाद ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट भी पेश की गई थी. बीते मंगलवार (15 अक्टूबर) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh) ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी है.
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देश विरोधी नारे लगाने वाले आरोपी को अब हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 से 12 बजे के बीच में तिरंगे को सलामी देने के साथ ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने का निर्देश दिया गया है. इस नियम का पालन आरोपी को तब तक करना होगा, जब तक कि उसका केस ट्रायल में रहेगा. नियम और शर्तों के उल्लंघन पर आरोपी की जमानत निरस्त कर दी जाएगी.
मामले को लेकर भोपाल पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि वह इस बात पर निगरानी रखें कि आरोपी नियम और शर्तों का पालन कर रहा है कि नहीं. इसकी वीडियोग्राफी भी कराने को कहा गया है.
हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि हर महीने के पहले एवं चौथे मंगलवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच थाना मिसरोद, भोपाल के समक्ष मुकदमे की अंतिम समाप्ति तक आरोपी को उपस्थित होना होगा और थाने की बिल्डिंग पर फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए 21 बार ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाना होगा. इस शर्त को जमानत पत्रों में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना होगा.
यह जमानत आदेश मुकदमे की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा. हालांकि जमानत आदेश के उल्लंघन तथा जमानत की किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में यह निष्प्रभावी हो जाएगा. अदालत ने कहा कि इस आदेश की एक प्रति पुलिस आयुक्त, भोपाल को भेजी जाए, ताकि राष्ट्रीय ध्वज तथा ‘भारत माता की जय’ के नारे के संबंध में उपरोक्त शर्त का पालन सुनिश्चित किया जा सके.
फैजान के वकील हकीम खान ने अदालत को बताया कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है, लेकिन उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि उनके मुवक्किल को नारे लगाते हुए एक वीडियो में देखा गया था.
सरकारी वकील सीके मिश्रा ने तर्क दिया कि आरोपी आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं. मिश्रा ने तर्क दिया, ‘वह खुलेआम उस देश के खिलाफ नारे लगा रहा है, जिसमें वह पैदा हुआ और पला-बढ़ा है. अगर वह इस देश में खुश और संतुष्ट नहीं है, तो वह अपनी पसंद के देश में रहना चुन सकता है, जिसके लिए उसने जिंदाबाद का नारा लगाया था.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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