केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास का उस रूप मेें नहीं लिखा गया, जैसा वह है। आज इतिहास के पुनर्लेखन की जरूरत है। इस काम को सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर किया जाना चाहिए।
शेखावत रविवार को सिरसी रोड पर महाराणा प्रताप समारोह समिति की ओर से महाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतिहास के कुछ पन्ने अनछुए रह गए। उन पन्नों को बार बार दोहराया जाएगा, उतनी ही प्रेरणा मिलेगा। इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई। ऐसा इतिहास लिखने का कुत्सित प्रयास किया गया कि हम उससे प्रेरणा नहीं ले सकें।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अन्य लोगों के लिए इतिहास एक प्वांइट ऑफ रेफरेंस हो सकता है, जहां से व्यक्ति घटनाओं कर जानकारी लें, लेकिन हमारे लिए यह प्रेरणा का स्त्रोत है। अंग्रेजों के जाने के बाद इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता थी, लेकिन उस समय की सरकारों ने वैसा नहीं किया, लेकिन आज समय आ गया है कि समाज को इन विषयों को ठीक करने की आवश्यकता है। आज भारत की सनातन संस्कृति पर हमला हो रहा है। समय की मांग है कि इसे विस्तार दें। सामाजिक संगठनों को इतिहास पुनर्लेखन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसमें संसाधनों की कमी नहीं पड़ेगी, जिस तरह से भारत विकसित देश बन रहा है। भारत भारतीयता और भारतीयों का सम्मान होने लगा है। ये आवश्यक है कि हम अपने इतिहास के प्रेरक चरित्रों को समाहित करते हुए इतिहास के पुनर्लेखन करें, ताकि पिछले समय में इतिहास का जो क्षरण हुआ है। देश की वापस उसी सम्मान पर पहुंचा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन अनेक प्रेरणाएं देता है। पहला, व्यक्तिगत हितों से समाज का हित,समाज के हित से राष्ट्र का हित पहले हैं। दूसरों समाज के सभी लोगों को साथ लेकर चले तो दुनिया की सबसे बड़ी ताकत को भी हरा सकते हैं। आज जिस तरह की विपरीत परिस्थितियां है। भारत विरोधी ताकतें भारत के पुनरोभव से परेशान होकर भारत को पराजित करने के लिए भारत के सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से और सामाजिक रूप से पराजित करने में लगी हुई है। यह आवश्यक है कि हम इस कालखंड लोगों को साथ लेकर सनातन संस्कृति के पुनरोद्भव और भारत को पुन: वैभवशाली बनाने और विश्व गुरु बनाने के लिए समर्पित भाव से काम करें।
कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रताप के जीवन चरित के संस्मरण उद्घृत करते हुए कहा कि मेवाड के हाथी राम प्रसाद ने भी मुगलों की सत्ता स्वीकार नहीं की। चेतक भी कभी उनके आधीन नहीं रहा। प्रताप अजेय थे। मुझे खुशी है कि केन्द्र सरकार ने महाराणा प्रताप, झाला मन्ना पर तीसरा राव जयमल सहित उनके जीवन से जुड़े चार चरित्र पर डाक टिकट जारी किया। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह भगवा पताका फहराने से रोक रही है। जोशी ने कहा कि ऐसे लोगों को ध्यान में रखना होगा जो भारत की सनातन संस्कृति की पताका फहराने से रोक रही हो।
समारोह में क्षत्रिय युवक संघ के चतुर्थ संघ प्रमुख रहे भगवानसिंह रोलसाहिबसर ने कहा कि महाराणा प्रताप उच्च कोटि के योद्धा ही नहीं, वरन उच्च चरित्र के धनी भी थे। आज व्यक्ति में चरित्र की सबसेबड़ी आवश्यकता है। चरित्रहीन व्यक्ति नेता तो बन सकता है, लेकिन राष्ट्रसेवक नहीं बन सकता। समाज सेवक नहीं बन सकता। जिसके अंदर मल भरा हुआ हो वह दूसरों को मार्ग नहीं बता सकता। लोक संग्रह और लोक शिक्षण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आज भारतीयता गायब होती जा रही है। उसे पुनस्र्थापित करने के लिए सोचना चाहिए।
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महाराणा प्रताप समारोह समिति जयपुर के संयोजक प्रेमसिंह बनवासा ने बताया कि समारोह में केन्द्रीय मंत्री शेखावत को 51 किलो की माला पहनाकर नागरिक अभिनंदन किया गया। शेखावाटी के कवि विवेक पारीक ने अपनी रचनाएं सुनाई। संयोजक बनवासा ने अतिथियों का स्वागत और आभार व्यक्त किया।
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